Tue, Dec 30, 2025

मजबूत होगी भारत की सैन्य शक्ति, DAC बैठक में लिए गए बड़े फैसले, 79000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों पर लगी मुहर

Written by:Shyam Dwivedi
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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 29 दिसंबर 2025 को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक आयोजित की गई जिसमें तीनों सेनाओं के लिए करीब 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों को स्वीकृति (AoN) मिली है।
मजबूत होगी भारत की सैन्य शक्ति, DAC बैठक में लिए गए बड़े फैसले, 79000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों पर लगी मुहर

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 29 दिसंबर 2025 को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक आयोजित की गई जिसमें तीनों सेनाओं के लिए करीब 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों को स्वीकृति (AoN) मिली है। यह फैसला भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करने के लिए काफी अहम है।

बैठक में भारतीय थल सेना के लिए आर्टिलरी रेजिमेंट के लिए लॉइटर मुनिशन सिस्टम, लो लेवल लाइट वेट रडार, पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमआरएलएस) के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट गोला बारूद और इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम एमके-II की खरीद के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।

बता दें कि लॉइटर म्यूनिशन का इस्तेमाल दुश्मन के सामरिक ठिकानों पर सटीक हमले के लिए किया जाएगा। लो लेवल रडार छोटे और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन की पहचान और निगरानी में मदद करेंगे। पिनाका के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट से इसकी मारक क्षमता और सटीकता में बढ़ोतरी होगी। वहीं, उन्नत ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम सेना के महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा को मजबूत करेगा।

नौसेना और वायुसेना के लिए क्या मिलेगा खास?

इन डील में नौसेना के लिए बोलार्ड पुल (BP) टग्स जैसे उपकरण मिलेंगे। नौसेना में इसके शामिल हो जाने के बाद जहाजों और पनडुब्बियों को बंदरगाह में लाने-ले जाने और सीमित जगह में युद्धाभ्यास करने में सहायता करेंगे। इसके अलावा हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (HF SDR) से बोर्डिंग और लैंडिंग ऑपरेशन के दौरान सुरक्षित और लंबी दूरी की संचार व्यवस्था को मजबूत करेगा। HALE ड्रोन (लीज पर) से ये हाई-एल्टीट्यूड, लॉन्ग-रेंज ड्रोन हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार निगरानी, खुफिया जानकारी और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे।

वहीं अगर वायुसेना की बात करें तो इस डील बाद अब वायुसेना को ऑटोमैटिक टेक-ऑफ और लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम मिल जाएगा। जिसकी मदद से हर मौसम में टेक-ऑफ और लैंडिंग की हाई डेफिनिशन रिकॉर्डिंग से उड़ान सुरक्षा बढ़ेगी। अस्त्र Mk-2 मिसाइल भी वायुसेना को मिलेगी, यह अधिक रेंज के साथ दुश्मन के विमानों को दूर से ही मार गिराने में सक्षम है। वहीं तेजस फाइटर जेट के लिए फुल मिशन सिम्युलेटर की करें तो इसके मिलने के बाद पायलटों की ट्रेनिंग सुरक्षित और कम खर्च में हो सकेगी। इसी तरह स्पाइस-1000 गाइडेंस किट भी वायुसेना को मिलेगा। लंबी दूरी से सटीक हमला करने की वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा।

राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी जानकारी

राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बैठक की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) की मीटिंग में तीनों सेनाओं के अलग-अलग प्रपोजल के लिए एक्सेप्टेंस ऑफ़ नेसेसिटी (AoN) को मंजूरी दी गई, जिनकी कुल कीमत लगभग 79,000 रुपये करोड़ थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में MoD भारत की डिफेंस तैयारियों को मजबूत करने के लिए बिना थके काम कर रहा है। आज लिए गए फैसलों से आर्म्ड फॉर्स की ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी।