देशभर में स्वच्छता के लिए पहचान बना चुका इंदौर इन दिनों दूषित पानी की वजह से चर्चा में है। शहर के भागीरथपुरा इलाके में गंदा पानी पीने से बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ गए हैं। उल्टी, दस्त, पेट दर्द और जी मिचलाने जैसे लक्षण सामने आने के बाद कई लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। एक ही इलाके से लगातार मरीज सामने आने से लोगों में डर और चिंता का माहौल है।
स्थानीय स्तर पर सामने आई जानकारी के अनुसार यह समस्या 24 दिसंबर से शुरू हुई थी, लेकिन बीते दो दिनों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सोमवार को स्थिति बिगड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंचीं। प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक दूषित पानी से प्रभावित लोगों की संख्या लगभग 150 तक बताई जा रही है, जबकि 35 से अधिक मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है।
भागीरथपुरा में दूषित पानी से बिगड़े हालात
भागीरथपुरा क्षेत्र के रहवासियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से नलों से बदबूदार और गंदा पानी आ रहा था। कुछ लोगों ने पानी के रंग में बदलाव की भी शिकायत की। इसी पानी का इस्तेमाल पीने और खाना बनाने में किया गया, जिसके बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। शुरुआत में हल्के लक्षण दिखे, लेकिन धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार भर्ती मरीजों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण हैं, जो वॉटर-बोर्न बीमारी की ओर इशारा करते हैं। फिलहाल सभी भर्ती मरीजों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और लगातार निगरानी की जा रही है।
24 दिसंबर से मिल रही थीं शिकायतें
स्थानीय लोगों के अनुसार 24 दिसंबर से ही पानी की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें शुरू हो गई थीं। शुरुआत में कुछ ही लोग बीमार हुए, लेकिन धीरे-धीरे पूरे इलाके में इसका असर दिखने लगा। कई घरों में एक से अधिक सदस्य बीमार पड़े हैं। स्थानीय स्तर पर जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, अब तक लगभग 150 लोग इस समस्या से प्रभावित बताए जा रहे हैं। इनमें से कई लोगों ने घर पर ही इलाज कराया, जबकि गंभीर हालत वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया। रहवासियों का आरोप है कि उन्होंने समय रहते नगर निगम को सूचना दी थी, लेकिन समस्या का समाधान देर से हुआ।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल पहुंचकर लिया जायजा
मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार देर रात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अस्पताल पहुंचे। उन्होंने भर्ती मरीजों से बात की और डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इलाज में किसी तरह की कमी न रहे और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार मरीजों को सलाइन, जरूरी दवाइयां और अन्य उपचार दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। साथ ही इलाके में मेडिकल कैंप लगाने की तैयारी भी की जा रही है, ताकि हल्के लक्षण वाले मरीजों को वहीं इलाज मिल सके।
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की जांच
दूषित पानी की शिकायत के बाद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने भागीरथपुरा इलाके में जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। यह सैंपल नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की अधिकृत लैब में भेजे गए हैं, ताकि पानी के दूषित होने की सही वजह सामने आ सके।
प्राथमिक तौर पर पाइपलाइन में लीकेज या पानी की सप्लाई लाइन में किसी तरह के कंटैमिनेशन की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी। फिलहाल एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाकों में पानी की सप्लाई की जांच की जा रही है और जरूरी सुधार के निर्देश दिए गए हैं।





