Tue, Dec 30, 2025

भूमि विक्रय के नाम पर दलित वृद्ध किसान से 28 लाख की ठगी, प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

Reported by:Kamlesh Sarda|Edited by:Atul Saxena
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जगदीश भांबी ने बताया कि वे वृद्ध हैं और पढ़े-लिखे नहीं हैं। उनकी इसी लाचारी का फायदा उठाकर दलालों ने आपसी सांठगांठ कर रजिस्ट्री करवा ली और उनकी जीवन भर की पूंजी का बड़ा हिस्सा हड़प लिया।
भूमि विक्रय के नाम पर दलित वृद्ध किसान से 28 लाख की ठगी, प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

Neemuch farmer fraud

नीमच जिले के ग्राम चम्पी में मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहाँ भूमि विक्रय के नाम पर एक वृद्ध दलित किसान के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। पीड़ित किसान ने जनसुनवाई में पहुंचकर प्रशासन के समक्ष अपना दर्द बयां किया और न्याय की मांग की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरियादी किसान जगदीश पिता हीरालाल भांबी ने अपनी पैतृक कृषि भूमि (सर्वे नंबर 375/3, रकबा 0.970 हेक्टेयर) को बेचने का सौदा किया था। यह सौदा दलाल बंटी (निवासी जमुनियांखुर्द) और राहुल (निवासी धनेरियांकलां) के माध्यम से तय हुआ था।जमीन का भाव 14 लाख 51 हजार रुपये प्रति बीघा तय किया गया, जिसके आधार पर कुल सौदे की राशि 66 लाख 50 हजार रुपये बनी।

विश्वास में लेकर किया छल

पीड़ित किसान का आरोप है कि रजिस्ट्री करवाते समय दलालों ने उसे पूरी राशि देने का भरोसा दिलाया। लेकिन, हकीकत में उसे केवल 38 लाख 50 हजार रुपये ही दिए गए। शेष राशि 28 लाख 32 हजार रुपये बाद में देने की बात कही गई। जब किसान ने बाद में अपनी बाकी रकम मांगी, तो दलालों ने टालमटोल शुरू कर दी और अंततः पैसे देने से साफ इनकार कर दिया।

अशिक्षा और बुढ़ापे का उठाया फायदा

जगदीश भांबी ने बताया कि वे वृद्ध हैं और पढ़े-लिखे नहीं हैं। उनकी इसी लाचारी का फायदा उठाकर दलालों ने आपसी सांठगांठ कर रजिस्ट्री करवा ली और उनकी जीवन भर की पूंजी का बड़ा हिस्सा हड़प लिया। आज किसान अपनी ही मेहनत की कमाई पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

धोखाधड़ी के शिकार किसान ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने दोषी दलालों के खिलाफ सख्त फौजदारी और दीवानी कार्रवाई करने तथा उनकी बकाया राशि (28.32 लाख रुपये) जल्द से जल्द दिलाने की मांग की है, ताकि उन्हें बुढ़ापे में न्याय मिल सके।

कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट