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Wed, Dec 17, 2025

‘माफी मांगिए या हलफनामे पर साइन कीजिए’, वोट चोरी के आरोप पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा

Written by:Mini Pandey
Published:
राहुल गांधी ने गुरुवार को 2024 के आम चुनावों के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर एक लाख से अधिक वोटर चोरी के दावे किए थे।
‘माफी मांगिए या हलफनामे पर साइन कीजिए’, वोट चोरी के आरोप पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा

भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर अपने हमले को और तेज करते हुए उन्हें चुनौती दी। इसने कहा कि वे या तो मतदाता सूची को लेकर आपत्ति दर्ज करने के लिए निर्धारित शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें या फिर बेतुके आरोप लगाने के लिए राष्ट्र से माफी मांगें। आयोग ने कहा कि यदि कोई कानून किसी कार्य को विशिष्ट तरीके से करने की मांग करता है तो उसे उसी तरह किया जाना चाहिए। आयोग ने राहुल गांधी से कहा कि यदि वे अपने विश्लेषण और आरोपों पर विश्वास करते हैं, तो उन्हें कानून का सम्मान करते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए या माफी मांगनी चाहिए।

राहुल गांधी ने गुरुवार को 2024 के आम चुनावों के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर एक लाख से अधिक वोटर चोरी के दावे किए थे। इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस सांसद से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने या अपने “बेतुके” दावों के लिए माफी मांगने को कहा। आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी के आरोपों को गंभीरता से लिया जाएगा, बशर्ते वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।

संसद में संविधान की ली शपथ

हालांकि, राहुल गांधी ने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने के बजाय शुक्रवार को बेंगलुरु में कहा कि उन्होंने पहले ही संसद में संविधान की शपथ ले ली है। उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग मुझसे शपथ पत्र की मांग कर रहा है। यह कहता है कि मुझे शपथ लेनी होगी। मैंने संसद में पहले ही संविधान की शपथ ली है।” उनकी इस टिप्पणी ने विवाद को और हवा दी है।

निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल

इस बीच, राहुल गांधी के दावों के जवाब में कुछ मीडिया जांचों ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों की सत्यता पर सवाल उठाए हैं। निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना इस तरह के आरोप लगाना गलत है और इससे निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं।