Sun, Dec 28, 2025

Satellite Nisar: इसरो और नासा का सैटेलाइट निसार जल्द किया जाएगा लांच, जानें इसकी क्या है खासियत

Written by:Rishabh Namdev
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Satellite Nisar: इसरो और नासा ने साथ मिलकर NISAR को लॉन्च करने की योजना बनाई हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए निसार को प्राकृतिक आपदाओं के खतरों की जानकारी देने के लिए एक अहम उपकरण के रूप में तैयार किया गया हैं।
Satellite Nisar: इसरो और नासा का सैटेलाइट निसार जल्द किया जाएगा लांच, जानें इसकी क्या है खासियत

Satellite Nisar: इस साल, इसरो और नासा द्वारा साझा सैटेलाइट NISAR का लॉन्च होने वाला है। आपको बता दें कि यह रडार सिस्टम क्लाइमेट चेंज के संकेतों को पहचानने में मदद करेगा, साथ ही जंगलों और वेटलैंड की निगरानी को भी संभव बनाएगा। इसरो और नासा इस प्रोजेक्ट को मिलकर तैयार कर रहे हैं। दरअसल लांच हो जाने के बाद एक बार फिर देशवासियों के लिए यह गौरव की बात होगी।

किसलिए किया गया है तैयार?

दरअसल इसरो और नासा ने निसार को उस तरह से तैयार किया है जिससे ब्रेस्ट और वेटलैंड के कार्बन सर्किल पर नजर रखी जा सके और यह जानने में मदद मिले कि क्लाइमेट चेंज के क्या प्रभाव हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, इस रडार से वैज्ञानिकों को आने वाली समस्याओं के बारे में भी समय रहते जानकारी मिलेगी।

साल 2024 में लॉन्च किया जाएगा:

वहीं इसरो ने इस मिशन की शुरुआत में बताया था कि इस सैटेलाइट को साल 2024 में लॉन्च किया जाएगा। इस सैटेलाइट के माध्यम से पता लगाया जा सकेगा कि जंगल और वेटलैंड में कार्बन के नियंत्रण कितने महत्वपूर्ण हैं। जानकारी के अनुसार यह सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा और हर 12 दिनों में पूरी धरती और ग्लेशियर का विश्लेषण करेगा। वहीं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जंगल और वेटलैंड की महत्वपूर्ण भूमिका है, और इसी के कारण पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों का नियंत्रण जरूरी है।

कैसे करेगी काम?

दरअसल लोगों की सुरक्षा के लिए निसार को प्राकृतिक आपदाओं के खतरों की जानकारी देने के लिए एक अहम उपकरण के रूप में तैयार किया गया हैं। यह सैटेलाइट बवंडर, तूफान, भूकंप, ज्वालामुखी, ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्री तूफान, जंगली आग, खेती, गीली धरती, बर्फ की कमी, और समुद्रों के जलस्तर में बढ़ोतरी जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाओं की पूर्वदर्शन करने में सक्षम है।

इसके साथ ही, इस सैटेलाइट पृथ्वी पर जमा हो रहे कचरे के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएगा, जो वर्षों से धरती के अंतरिक्ष में आ रहे खतरों का पता लगाने में मदद करेगी। यह जानकारी पेड़-पौधों की संख्या, प्रकाश की कमी या बढ़ोतरी के साथ-साथ मानव जीवन पर यहाँ के नुकसान का भी अलर्ट देगी।