सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ चल रहे एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। यह मामला एल्विश पर सांपों और उनके जहर का दुरुपयोग कर यूट्यूब वीडियो बनाने और रेव पार्टियों में सांप का जहर व अन्य नशीले पदार्थ विदेशियों को सप्लाई करने के आरोपों से जुड़ा है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 12 मई 2025 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया, जिसमें एल्विश की याचिका खारिज कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को एक अन्य याचिका के साथ जोड़ दिया, जिसमें शिकायतकर्ता ने सुरक्षा की मांग की थी। इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। एल्विश की ओर से वरिष्ठ वकील मुक्ता गुप्ता ने तर्क दिया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत कोई मामला नहीं बनता और कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं हुआ। इसके आधार पर उन्होंने अंतरिम रोक की मांग की।
आरोप तय करने की प्रक्रिया
मामले में निचली अदालत में शुक्रवार को आरोप तय करने की प्रक्रिया होनी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मई में एल्विश की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ एफआईआर और चार्जशीट में बयान दर्ज हैं, जिनकी सच्चाई का परीक्षण ट्रायल के दौरान होगा।
सांपों और जहर का गलत इस्तेमाल
एल्विश पर आरोप है कि उन्होंने यूट्यूब वीडियो के लिए सांपों और उनके जहर का गलत इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन पर रेव पार्टियां आयोजित करने और विदेशियों को सांप का जहर व अन्य नशीले पदार्थ देने का भी आरोप है। यह मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।





