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Fri, Dec 19, 2025

यौन उत्पीड़न के आरोपी को बनाया गया लॉ अफसर, भाजपा सांसद के बेटे की नियुक्ति पर हरियाणा में बवाल

Written by:Mini Pandey
Published:
विकास बराला पर अक्टूबर 2017 में एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी की बेटी का पीछा करने और अपहरण का प्रयास करने का आरोप है।
यौन उत्पीड़न के आरोपी को बनाया गया लॉ अफसर, भाजपा सांसद के बेटे की नियुक्ति पर हरियाणा में बवाल

भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को हरियाणा के महाधिवक्ता कार्यालय में सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है, जो एक युवती का पीछा करने के आरोपी हैंअधिकारियों ने बुधवार को बताया कि उनकी नियुक्ति 18 जुलाई को जारी आधिकारिक अधिसूचना के तहत हुई जिसमें 100 विधि अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया शामिल थी। विकास राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक मंचों पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

विकास बराला पर अक्टूबर 2017 में एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी की बेटी का पीछा करने और अपहरण का प्रयास करने का आरोप है। उस समय उनके पिता सुभाष बराला हरियाणा भाजपा इकाई के प्रमुख थे। चंडीगढ़ की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई अभी जारी है। विकास और उनके दोस्त आशीष कुमार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354डी (पीछा करना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 365 (अपहरण का प्रयास) के तहत आरोप तय किए गए हैं।

पीड़िता की कार का पीछा

मामले के अनुसार, 5 अगस्त 2017 की रात विकास और आशीष ने अपनी एसयूवी में 29 वर्षीय पीड़िता की कार का पीछा किया और उसका रास्ता रोकने की कोशिश की। उस समय 23 वर्षीय विकास कानून के छात्र थे। दोनों को 4-5 अगस्त की रात गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। उन्हें 9 अगस्त 2017 को फिर से गिरफ्तार किया गया और जनवरी 2018 में उच्च न्यायालय से जमानत मिली। विकास ने पुलिस हिरासत में रहते हुए 18 दिसंबर 2017 को कानून की परीक्षा दी थी।

क्या रही नियुक्ति की प्रक्रिया

राज्य सरकार ने हरियाणा विधि अधिकारी नियुक्ति अधिनियम, 2016 के तहत जून में एक चयन समिति गठित की थी जिसने 31 जनवरी के विज्ञापन के आधार पर 100 विधि अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया। इसमें 20 अतिरिक्त महाधिवक्ता, 20 वरिष्ठ उप महाधिवक्ता, 30 उप महाधिवक्ता और 30 सहायक महाधिवक्ता शामिल थे। इस नियुक्ति पर प्रतिक्रिया के लिए हरियाणा के महाधिवक्ता परविन्द्र चौहान और विकास बराला से संपर्क नहीं हो सका।