Mon, Dec 29, 2025

नीमच में सर्राफा कारोबारी की मौत के बाद हड़कंप, भरोसे पर दिए करोड़ों रुपए फंसे

Reported by:Kamlesh Sarda|Edited by:Bhawna Choubey
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नीमच के सर्राफा कारोबारी बहादुर सोनी के निधन के बाद सैकड़ों निवेशकों की करोड़ों की रकम और सोना-चांदी फंस गई है। भरोसे पर किए गए लेनदेन अब विवाद की वजह बन गए हैं, पीड़ितों ने प्रशासन से जांच और न्याय की मांग की है।
नीमच में सर्राफा कारोबारी की मौत के बाद हड़कंप, भरोसे पर दिए करोड़ों रुपए फंसे

नीमच शहर में सर्राफा बाजार से जुड़ी एक बड़ी और चिंताजनक खबर सामने आई है। शहर के जाने-माने सर्राफा कारोबारी और सत्यम ज्वेलर्स के संचालक बहादुर सोनी के 24 दिसंबर को अचानक निधन के बाद निवेशकों और ग्राहकों के बीच अफरा-तफरी मच गई है। उनकी मौत के साथ ही शहर के सैकड़ों लोगों की करोड़ों रुपये की रकम और सोना-चांदी अधर में लटक गई है। यह मामला अब सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी और भविष्य से जुड़ गया है।

एक ओर जहां परिवार शोक में है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों के लिए यह समय डर, अनिश्चितता और आर्थिक संकट से भरा हुआ है। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जिन्होंने सिर्फ भरोसे के आधार पर अपनी जीवनभर की कमाई बहादुर सोनी को सौंप दी थी।

भरोसे पर खड़ा था कारोबार

इस पूरे मामले का सबसे संवेदनशील पहलू यही है कि निवेशकों और ग्राहकों ने बहादुर सोनी पर आंख बंद करके भरोसा किया। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने सालों पुराने संबंध, बाजार में बनी साख और अच्छे व्यवहार के कारण बिना ज्यादा कागजी कार्रवाई के पैसा और जेवरात जमा कराए थे। सामने आया है कि कुछ निवेशकों के पास रसीदें और लिखित दस्तावेज मौजूद हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने सिर्फ जुबानी भरोसे पर लाखों रुपये नकद, सोना और चांदी सत्यम ज्वेलर्स में रखवा दिया था। लेकिन अब जब कारोबारी नहीं रहे, तो वही भरोसा इन लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है।

बहादुर सोनी का निधन और उसके बाद बदली स्थिति

24 दिसंबर को बहादुर सोनी के निधन की खबर जैसे ही फैली, सर्राफा बाजार में सन्नाटा छा गया। शुरुआत में लोगों को लगा कि मामला सामान्य रहेगा और परिजन निवेशकों की रकम लौटाएंगे। लेकिन कुछ ही दिनों में स्थिति बदलने लगी। पीड़ित निवेशकों का आरोप है कि अब परिजन और कारोबारी साझीदार देनदारी स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिन पैसों या जेवरात का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है, उसकी जिम्मेदारी नहीं ली जा सकती। इसी बात ने निवेशकों की चिंता और गुस्सा दोनों बढ़ा दिए हैं।

बेटियों की शादी और जीवन भर की बचत दांव पर

इस मामले में सबसे ज्यादा दर्दनाक कहानियां उन परिवारों की हैं, जिन्होंने अपनी बेटियों की शादी, बच्चों के भविष्य और बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए पैसा जमा किया था। कई पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से जोड़ी गई पूंजी सत्यम ज्वेलर्स में इसलिए रखी थी ताकि जरूरत पड़ने पर गहने बनवा सकें या पैसा निकाल सकें। कुछ लोगों ने शादी के लिए एडवांस में सोना दिया था, तो कुछ ने ब्याज के लालच में नकद राशि जमा की थी। अब अचानक सब कुछ अटक जाने से ये परिवार मानसिक तनाव और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं।

कलेक्ट्रेट पहुंचे 60 से ज्यादा पीड़ित

सोमवार को हालात तब और गंभीर हो गए जब 60 से अधिक पीड़ित निवेशक एकजुट होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। हाथों में आवेदन और आंखों में चिंता लिए इन लोगों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। पीड़ितों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और बहादुर सोनी की संपत्ति से निवेशकों का पैसा वापस दिलाया जाए। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो सैकड़ों परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे।