मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले की ओरछा तहसील के मौजा गुदरई के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार शाम कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां उनका काफी हंगामा देखने को मिला। बड़ी संख्या में किसान अपनी समस्याएं लेकर प्रभारी मंत्री नारायण कुशवाहा से मिलने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। प्रभारी मंत्री ने किसानों से मुलाकात कर उनके आवेदन तो लिए, लेकिन उनसे विस्तृत चर्चा नहीं हो सकी और न ही कोई ठोस आश्वासन दिया गया। जिसके बाद किसान भड़क गए और कलेक्टर कार्यालय परिसर में हंगामा शुरू कर दिया।
पहले ग्रामीणों ने प्रभारी मंत्री की गाड़ी को घेरने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर जमुना भिड़े की गाड़ी को रोक लिया और विरोध तेज कर दिया। मौके पर मौजूद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने हाथ जोड़कर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे और शांत होने को तैयार नहीं दिखे। स्थिति को देखते हुए कुछ समय तक कलेक्टर कार्यालय परिसर में तनाव का माहौल बना रहा।
ये है पूरा मामला
बता दें कि प्रभारी मंत्री नारायण कुशवाहा कलेक्टर कार्यालय में गढ़कुंढार महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा बैठक कर कर रहे थे। इसी दौरान मौजा गुदरई के किसान अपनी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गये और प्रभारी मंत्री नारायण कुशवाहा से मिलने की जिद करने लगे।
प्रभारी मंत्री नारायण कुशवाहा किसानों से मिले और उनका शिकायती आवेदन भी लिया। जब प्रभारी मंत्री की तरफ से किसानों को कोई आश्वासन नहीं मिला तो वो आक्रोशित हो उठे। किसान गुस्से में आकर अपनी परेशानियां बताने लगे और प्रशासन को कोसने लगे। बातचीत नहीं होने से आक्रोशित किसानों ने प्रभारी मंत्री की गाड़ी को घेरने का प्रयास किया। देखते ही देखते स्थिति पूरी तरह गरमा गई और किसानों ने घेराव चालू कर दिया। इसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर जमुना भिड़े की गाड़ी को घेर लिया।
किसानों ने प्रशासन के खिलाफ लगाए नारे
आक्रोशित किसानों की भीड़ ने कलेक्टर मुर्दाबाद और प्रशासन हाय हाय के नारे लगाने शुरू कर दिये। आक्रोश इस कदर बढ़ा कि भीड़ कलेक्टर जमुना भिड़े की गाड़ी पर टूट पड़ी। सभी किसान कलेक्टर की गाड़ी के आगे खड़े हो गए और मांगें सुनने का दबाव बनाने लगे। देखते ही देखते सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। करीब आधे घंटे तक कलेक्टर कार्यालय परिसर और आसपास की सड़कें किसानों के हंगामे से लबरेज रहीं।
किसानों ने लगाए ये आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि इस पूरे खेल के पीछे भूमाफिया सक्रिय हैं और उनके इशारे पर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है। किसानों का कहना है कि उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में 50 से ज्यादा आवेदन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उनका आरोप है कि सीमांकन गलत बताकर हमें हमारी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन भूमाफियाओं के दबाव में काम कर रहा है। इसकी जानकारी देने के लिए हम प्रभारी मंत्री से मिलने पहुंचे थे लेकिन पुलिसकर्मियों ने हमें हटाने का प्रयास किया और धक्का दिया।
किन मांगों को लेकर किसानों ने मचाया हंगामा?
किसान 2009 के सीमांकन के हिसाब से कब्जा चाहते है। जिला कलेक्टर ने 5 सदस्य दल के जरिए सीमांकन कराया था। जिस सीमांकन से किसान संतुष्ट नहीं हैं और इसी को लेकर वो अपनी मांगों को लेकर हंगामा कर रहे है। मामला अब प्रशासनिक भ्रम, तकनीकी सीमांकन और भरोसे के संकट में फंसा हुआ है। बहरहाल गुदरई की जमीन का यह मामला बड़ा सियासी मुद्दा बनने वाला है। गुदरई का जमीन विवाद अब फाइलों से निकलकर सड़कों पर उतर चुका है और यह आग किस दिशा में जाएगी, यह आने वाला वक्त तय करेगा।
निवाड़ी से आशीष दुबे की रिपोर्ट





