Tue, Dec 23, 2025

जालोर में चौधरी समाज का फरमान, 24 से ज्यादा गांवों में महिलाओं और युवतियों के स्मार्टफोन पर रोक

Written by:Ankita Chourdia
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Rajasthan Jalore Woman Mobile Ban News: राजस्थान के जालोर जिले में सुंधा माता पट्टी के चौधरी समाज ने 24 से अधिक गांवों में महिलाओं और लड़कियों के स्मार्टफोन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। समाज के पंचों ने 21 दिसंबर को हुई बैठक में यह फैसला लिया, जिसके तहत अब उन्हें सिर्फ की-पैड मोबाइल रखने की इजाजत होगी।
जालोर में चौधरी समाज का फरमान, 24 से ज्यादा गांवों में महिलाओं और युवतियों के स्मार्टफोन पर रोक

राजस्थान के जालोर जिले में सुंधा माता पट्टी के चौधरी (पटेल) समाज द्वारा लिए गए एक फैसले ने नई चर्चा को जन्म दे दिया है। समाज के पंच-पटेलों ने एक फरमान जारी करते हुए 24 से ज्यादा गांवों में महिलाओं और लड़कियों के स्मार्टफोन इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय 21 दिसंबर को आयोजित समाज की एक बैठक में लिया गया, जिसका असर भीनमाल और रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों के कई गांवों पर पड़ने वाला है।

इस फरमान के तहत सुंधा माता पट्टी क्षेत्र के गांवों की ‘बहू-बेटियों’ को अब स्मार्टफोन की जगह केवल की-पैड वाले साधारण मोबाइल फोन उपयोग करने की अनुमति होगी। समाज के पंचों का तर्क है कि यह कदम बच्चों और युवाओं में मोबाइल की लत छुड़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इन गांवों पर होगा सीधा असर

समाज के इस फैसले की जद में गजापुरा, गजीपुरा, पावली, मालवाड़ा, राजपुरा, राजीकावास, खानपुर, आलडी, रोपसी, साविदर, कोड़ी, चितरोडी और कागमाला सहित कई गांव शामिल हैं। यहां रहने वाली महिलाओं, स्कूली छात्राओं और कॉलेज जाने वाली युवतियों के लिए स्मार्टफोन का उपयोग अब वर्जित कर दिया गया है। सुंधा माता पट्टी चौधरी समाज के अध्यक्ष सुजानाराम चौधरी ने पुष्टि की है कि समाज के लोगों के सुझावों के बाद ही यह निर्णय लिया गया। फैसले की घोषणा पंच हिम्मताराम ने की।

बड़े राजनीतिक चेहरे इसी समाज से

गौर करने वाली बात यह है कि जिस चौधरी समाज ने यह फरमान सुनाया है, उससे क्षेत्र के कई कद्दावर नेता ताल्लुक रखते हैं। इनमें जालोर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी, पूर्व सांसद देवजी एम. पटेल, प्रदेश के कानून मंत्री जोगाराम पटेल, सांचौर विधायक जीवाराम चौधरी और पूर्व विधायक पूराराम चौधरी जैसे नाम शामिल हैं।

कैमरे के सामने न आने की शर्त पर कुछ पंचों ने बताया कि समाज में छोटे बच्चों में मोबाइल की लत बढ़ रही थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है। हालांकि, यह फैसला केंद्र और राज्य सरकार की उन कोशिशों के विपरीत नजर आता है, जहां महिलाओं को डिजिटल साक्षर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को टैबलेट भी वितरित किए थे।

पुलिस का रुख

इस पूरे मामले पर जालोर के SP शैलेन्द्र इंदोलिया ने कहा कि पुलिस प्रशासन को अभी तक इस तरह के किसी आधिकारिक फैसले की जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी महिला की ओर से इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो पुलिस नियमानुसार कार्रवाई करेगी। फिलहाल यह तुगलकी फरमान क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।