Tue, Dec 23, 2025

मकर संक्रांति को लेकर राजस्थान सरकार की एडवाइजरी जारी, चाइनीज मांझे के विरुद्ध सख्त एक्शन लें, घायल पशु पक्षियों का तुरंत इलाज करें

Written by:Atul Saxena
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सरकार ने कहा कि सभी जिलों में घायल पक्षियों के त्वरित उपचार के लिये पशुपालन विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वय से विशेष पक्षी चिकित्सा शिविर’ आयोजित किए जाएं। हेल्पलाइन नंबर जारी कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
मकर संक्रांति को लेकर राजस्थान सरकार की एडवाइजरी जारी, चाइनीज मांझे के विरुद्ध सख्त एक्शन लें, घायल पशु पक्षियों का तुरंत इलाज करें

Rajasthan government advisory Chinese manjha during Makar Sankranti

चाइनीज मांझे से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुये राजस्थान सरकार ने भी इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन फिर भी इसके उपयोग को लेकर सरकार चिंतित है, राजस्थान सरकार के पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने चाइनीज मांझे (नायलॉन/सिंथेटिक पतंग डोर) के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद इसके अवैध उपयोग से पशु-पक्षियों को हो रही गंभीर चोटों एवं मृत्यु की घटनाओं को अत्यंत चिंताजनक बताते हुए प्रदेश के जिलों को एडवाइजरी जारी की है।

डॉ शर्मा ने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी में नायलॉन/सिंथेटिक सामग्री से निर्मित ’चायनीज मांझे’ और कांच/लोहे के चूर्ण से लेपित धागों के प्रयोग से आमजन और मूक पक्षियों के जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है। एडवाइजरी में उन्होंने कहा है कि एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिबंधात्मक आदेशों के पालन में इस वर्ष एक प्रभावी रणनीति के तहत सख्त प्रवर्तन, दंडात्मक कार्यवाही, जनजागरूकता और पक्षी चिकित्सा एवं बचाव की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

मांझा जब्त करें, मामला दर्ज करें, लाइसेंस भी होगा निरस्त

उन्होंने कहा कि पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन सघन तलाशी अभियान चलाकर प्रतिबंधित मांझे के स्टॉक को तत्काल जब्त कर इसके निर्माण, भंडारण और विक्रय पर पूर्ण रोक लगाये साथ ही उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम,1960, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम,1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 की सुसंगत धाराओं के तहत दंडात्मक कार्यवाही भी की करे। उन्होंने बार-बार उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिए।

घायल पशु पक्षियों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश 

उन्होंने कहा कि जन जागरूकता अभियान चलाकर स्कूलों/कॉलेजों में विद्यार्थियों को प्रतिबंधित मांझा उपयोग न करने की शपथ दिलाने तथा सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से आमजन को केवल सूती धागे के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए तथा व्यापार संघों के साथ बैठक कर उन्हें इसके विक्रय के बहिष्कार हेतु प्रोत्साहित किया जाए। डॉ शर्मा ने कहा कि सभी जिलों में घायल पक्षियों के त्वरित उपचार हेतु पशुपालन विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वय से विशेष पक्षी चिकित्सा शिविर’ आयोजित किए जाएं। हेल्पलाइन नंबर जारी कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए।

जनता से अपील, पतंग उड़ानें परंपरागत मांझा उपयोग करें 

शासन सचिव ने कहा कि चाइनीज मांझा न केवल पक्षियों के लिए जानलेवा सिद्ध हो रहा है बल्कि यह गैर बायोडिग्रेडेबल होने के कारण पर्यावरण के लिए भी घातक है। उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि वे पतंगबाजी के दौरान केवल सूती/परंपरागत मांझे का ही उपयोग करें तथा चाइनीज मांझे की खरीद, बिक्री अथवा उपयोग से पूर्णतः परहेज करें। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि यदि कहीं चाइनीज मांझे का अवैध उपयोग या बिक्री दिखाई दे तो तुरंत संबंधित प्रशासन को सूचित करें। साथ ही, खुले में पड़े मांझे के टुकड़ों को सुरक्षित तरीके से एकत्र कर नष्ट करें तथा पशु-पक्षियों को इससे बचाने के लिए भी विशेष सतर्कता और सावधानी रखें।

उल्लास का पर्व किसी भी जीव के लिए प्राणघातक न बने

डॉ. शर्मा ने पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को भी निर्देश दिए कि घायल पशु-पक्षियों के उपचार हेतु तत्पर रहें और ऐसे मामलों में त्वरित चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करें। शासन सचिव ने कहा कि एक छोटी-सी सावधानी, कई जानें बचा सकती हैं। सरकार के प्रयासों के साथ-साथ जनसहयोग से पशु-पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है और चाइनीज मांझे से होने वाली दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। हमें हमारे सामूहिक प्रयासों से यह सुनिश्चित करना है कि उल्लास का यह पर्व किसी भी जीव के लिए प्राणघातक न बने।