राजस्थान के एक गांव के बच्चे ने एक ऐसा काम किया है जिसके चलते वो पूरे गांव सहित प्रदेश के लिए मिसाल बन गया है, दरअसल मासूम के माता पिता ने वो कर दिखाया है जिसके लिए बहुत बड़ा कलेजा चाहिए होता है, उन्होंने अपने बच्चे के अंगदान कर उसे दुनिया से जाने के बाद भी ज़िंदा रखा है।
मामला राजस्थान के बालोतरा जिले के गिड़ा गांव का है, यहाँ रहने वाले 5 साल के भोलाराम को उसके माता पिता ने AIIMS जोधपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया था, परिजन अपनी औलाद के जीवन की आस लिए बैठे थे लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था।
मासूम भोला को मिर्गी की बीमारी थी, उसे बेहतर इलाज के लिए परिजनों में जोधपुर एम्स में भर्ती कराया था जहाँ इलाज के दौरान रविवार को अस्पताल ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया, परिवार को जब ये खबर मिली तो उन्हें अन्दर तक हिला दिया, उन्हें झकझोर दिया।
AIIMS के डॉक्टर्स ने दी अंगदान की सलाह
अस्पताल के डॉक्टर्स ने परिजनों को सांत्वना दी और एक ऐसा रास्ता दिखाया कि वे अपने बेटे को उम्र भर ज़िंदा रख सकते हैं, अस्पताल ने परिजनों को भोला के अंगदान की सलाह दी और कहा ऐसे कर आपका भोला दूसरों की जिंदगी बचा सकता है।
भोला का लिवर गया दिल्ली, दोनों किडनी मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई
AIIMS के डॉक्टर्स की सलाह परिजनों को समझ में आई और उन्होंने अपने लाडले का अंगदान करने का निर्णय लिया, परिजनों के फैसले के बाद मेडिकल औपचारिकताएं पूरी की गई फिर भोमाराम का लिवर दिल्ली भेजा गया और उसकी दोनों किडनी जोधपुर AIIMS में दो ज़रूरतमंद मरीज़ों को ट्रांसप्लांट की गईं, इस तरह एक मासूम बच्चे की ज़िंदगी तो रुक गई, लेकिन तीन लोगों की ज़िंदगी में नई धड़कन शुरू हो गई। परिजनों के इस फैसले की एम्स ने सराहना की और लोगों को इससे प्रेरित होने की अपील की।





