सनातन धर्म में एक से बढ़कर एक पर्व त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक दुर्गा अष्टमी भी है। मां दुर्गा को शक्ति का स्वरूप माना जाता है, जिनकी पूरे देश भर में पूजा-अर्चना की जाती है। पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर इलाकों में उनकी विशेष आराधना होती है। चैती दुर्गा पूजा और कार्तिक महीने में पड़ने वाली दुर्गा अष्टमी पश्चिम बंगाल में बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस दौरान पूरे राज्य भर के स्कूलों में 10 दिनों की छुट्टी भी दी जाती है। इस दौरान सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, महिलाएं लाल पाड़ वाली साड़ी पहनती हैं और अपनी संस्कृति को दर्शाती हैं।
वहीं, दुर्गा अष्टमी का त्योहार हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने से मन पर मां की असीम कृपा बरसती है।
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन के महीने में पड़ने वाली दुर्गा अष्टमी 1 अगस्त को मनाई जाएगी, जिसकी शुरुआत सुबह 4:58 पर होगी और जिसका समापन 2 अगस्त को सुबह 7:23 पर होगा। ऐसे में 1 अगस्त को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। इस दौरान निशा काल में मां दुर्गा की पूजा होगी।
बन रहे ये योग
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस खास मौके पर शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है, जो कि रात भर बना रहेगा, जिसे बहुत ही मंगलकारी योग माना जाता है। इस दौरान कोई भी कार्य करने से ज़रूर सफलता हाथ लगती है। यदि आप किसी कार्य की शुरुआत करने जा रहे हैं, तो यह आपके लिए अच्छा समय हो सकता है। बता दें कि इस दिन शुभ योग, भद्र वास योग, भद्र योग सहित कई अन्य कल्याणकारी योग बन रहे हैं। इस दौरान पूजा करने पर साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा।
धारण किए कई हथियार
मां दुर्गा अपनी भुजाओं के कारण सभी देवी-देवताओं से अलग मानी जाती हैं। वह अपने हाथों में कई सारे हथियार धारण किए हुए हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। इनकी निरंतर पूजा करने पर वे अपने भक्तों की हर संकट में रक्षा करती हैं।
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