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Sat, Dec 20, 2025

सावन में अगर वाकई पाना है शिव का आशीर्वाद, तो इन 4 चीजों से बना लें दूरी, वरना झेलनी पड़ सकती है बर्बादी

Written by:Bhawna Choubey
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सावन 2025 की शुरुआत होते ही शिवभक्त उपवास, व्रत और पूजन में जुट जाते हैं, लेकिन इस पवित्र महीने में कुछ चीज़ें खाना वर्जित माना गया है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन चीजों का सेवन शिव क्रोध को आमंत्रित कर सकता है, जिससे जीवन में बर्बादी झेलनी पड़ सकती है।
सावन में अगर वाकई पाना है शिव का आशीर्वाद, तो इन 4 चीजों से बना लें दूरी, वरना झेलनी पड़ सकती है बर्बादी

सावन का महीना (Sawan 2025) हिन्दू धर्म में बेहद पावन माना जाता है। ये भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान हर सोमवार को विशेष रूप से शिवजी की पूजा की जाती है। मंदिरों में रुद्राभिषेक, व्रत और जलाभिषेक की परंपरा निभाई जाती है। ऐसे में अगर आप इस शुभ समय में शिव कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको न सिर्फ सही पूजन करना होगा बल्कि भोजन और जीवनशैली में भी सावधानी बरतनी होगी।

पंडितों और धर्माचार्यों की मानें तो इस महीने में कुछ खास चीजें खाना निषेध है। अगर गलती से भी इनका सेवन किया जाए, तो माना जाता है कि भोलेनाथ का क्रोध व्यक्ति पर टूट सकता है, जिससे घर-परिवार में क्लेश, धन हानि या स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं। आइए जानते हैं वो चार चीजें जिन्हें सावन 2025 में खाने से बचना चाहिए।

सावन में किन चीजों से बनाएं दूरी

1. लहसुन और प्याज

सावन के दौरान लहसुन और प्याज को खाना वर्जित माना जाता है क्योंकि ये दोनों तामसिक प्रकृति की चीजें हैं। तामसिक भोजन मानसिक शांति को भंग करता है और पूजा-पाठ की शक्ति को कम करता है। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि सावन में सात्विक भोजन करने से ही शिव कृपा प्राप्त होती है। इससे शरीर और मन दोनों शुद्ध रहते हैं, जो उपवास और व्रत के लिए आवश्यक है। इसलिए जो लोग इस महीने व्रत रखते हैं या शिव भक्ति करते हैं, उन्हें प्याज-लहसुन से परहेज करना चाहिए।

2. मांसाहार

मांस, मछली और अंडे जैसी मांसाहारी चीज़ों का सेवन सावन में बिल्कुल नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह महीना शरीर और आत्मा की शुद्धि का समय है। भगवान शिव योगी और तपस्वी हैं, और मांसाहार उनके गुणों के विपरीत माना जाता है। यह भी माना जाता है कि इस महीने में जीवों की हत्या से पुण्य की जगह पाप लगता है। सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं, इस मौसम में मांसाहारी भोजन से पाचन संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।

3. नमक

सावन में सोमवार के व्रत करने वाले भक्त अक्सर नमक त्याग देते हैं। ये एक तरह की तपस्या मानी जाती है, जिससे शिव जी प्रसन्न होते हैं। व्रत में सेंधा नमक का ही प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, वह भी सीमित मात्रा में। कई लोग पूरा सावन ही बिना नमक के फलाहार करते हैं ताकि उनकी इच्छाएं पूरी हो सकें। नमक का त्याग मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होता है।

4. शराब और नशा

शिव भले ही भांग-धतूरा स्वीकार करते हों, लेकिन भक्तों के लिए किसी भी तरह का नशा करना वर्जित है। शराब या किसी भी नशीली चीज़ का सेवन सावन में बहुत बड़ा अपवित्र कर्म माना गया है। इससे न सिर्फ पुण्य का ह्रास होता है बल्कि व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। जो लोग सावन में नशा करते हैं, उनके जीवन में अक्सर नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाती है। धार्मिक ग्रंथों में भी साफ कहा गया है कि सावन में नशा करने वाले लोग शिव क्रोध के भागी बनते हैं।