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Fri, Dec 19, 2025

रीवा में लगा अड़गड़नाथ धाम का भव्य मेला, झूले बने लोगों के आकर्षण का केंद्र

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
रीवा जिले में पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को शिव आराधना और मेले का विशेष महत्व है। सोहागी पहाड़ पर स्थित अड़गड़नाथ धाम और अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और मेले का आनंद उठाया।
रीवा में लगा अड़गड़नाथ धाम का भव्य मेला, झूले बने लोगों के आकर्षण का केंद्र

Rewa News : मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सोहागी पहाड़ पर स्थित अड़गड़नाथ धाम और तराई के आंचल में मेले का आयोजन किया गया है। बता दें कि यहां हर साल पौष महीने में एक भव्य मेला लगता है, जिसमें पूरे जिले भर के लोग शामिल होते हैं। इस महीने में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान शिव की आराधना करते हैं। विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद लोग मेले का लुत्फ उठाते हैं।

सुहागी पहाड़ पर पौष महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह परंपरा लगभग 100 साल पुरानी है, जिसे आज भी निभाया जा रहा है।

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। तब से ही यह स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मौके पर भगवान शिव का पंचगव्य से जलाभिषेक किया जाता है और श्रद्धालु अपने मित्रों व परिवार के साथ यहां आकर पूजा करते हैं। स्थानीय निवासी गौरव शुक्ला ने बताया कि त्योंथर और चाकघाट क्षेत्र में शिव मंदिरों के पास भी मेले का आयोजन होता है। यह परंपरा 100 वर्षों से चली आ रही है। इसके अलावा, सोनारी क्षेत्र के मंडपेश्वर नाथ धाम में भी मेला लगता है, जिसमें किसान, मजदूर और ग्रामीण अपने काम को बंद करके मेले का आनंद उठाते हैं।

आकर्षण का केंद्र

हर साल इस खास मौके पर मेले में तमाम तरह के झूले लगाए जाते हैं। किताबों के स्टॉल, कपड़े और अन्य सामानों के स्टॉल लगते हैं। मेले में तरह-तरह के करतब भी दिखाए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। खासकर बच्चों को लाइटों की चमक-दमक और भक्ति माहौल अपनी ओर खींचते हैं।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मेले में भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चुप्पे-चुप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह उचित व्यवस्थाएं की गई हैं। मेले परिसर में एंबुलेंस की व्यवस्था भी है, ताकि आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जा सके।