सिंगरौली की बैढ़न स्थित सेवा सहकारी समिति मर्यादित गहिलरा में धान उपार्जन पंजीयन में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। एक किसान ने आरोप लगाया है कि रिश्वत न देने पर उसका धान पंजीयन जानबूझकर कम कर दिया गया, जिससे उसे लगभग 50 हजार रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश हैं कि धान पंजीयन से लेकर उपार्जन तक ऐसी व्यवस्था बनाई जाये कि किसानों को कोई परेशानी नहीं हो लेकिन कुछ सहकारी समितियां इस आदेश की परवाह किये बिना अपने नियम चला रही हैं, सिंगरौली की सहकारी समिति पर एक किसान ने रिश्वत मांगने और नहीं देने पर उसकी धान की तुलाई कम करने का गंभीर आरोप लगाया है।
किसान ने कलेक्टर से की मामले की शिकायत
ग्राम कंजी, पोस्ट खुटार निवासी किसान राजपति शाह ने इस संबंध में जिला कलेक्टर से शिकायत की है। शाह के अनुसार, समिति में पंजीयन के दौरान ऑपरेटर ने उनसे 1500 रुपए की मांग की थी। जब किसान ने पैसे देने में असमर्थता जताई, तो उसे मौखिक रूप से 60 क्विंटल धान पंजीयन का आश्वासन दिया गया।हालांकि, बाद में जब राजपति शाह स्लॉट बुक कराने गए, तो सिस्टम में उनके नाम पर केवल 14 क्विंटल धान का पंजीयन दर्ज मिला। किसान का कहना है कि उनकी पूरी फसल का सही पंजीयन नहीं किया गया और रिश्वत न देने के कारण उन्हें यह आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
अधिकारियों ने मामले की जांच का दिया आश्वासन
इस मामले पर सहकारिता उपायुक्त पीके मिश्रा से जब बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि उन्हें शिकायत की जानकारी मिली है और वो प्रकरण की जांच करायेंगे और यदि समिति स्तर पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, प्रशासन द्वारा जांच की बात कही जा रही है। अब देखना होगा कि धान उपार्जन व्यवस्था में सामने आई इस कथित अनियमितता पर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं।
राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट





