हर खिलाड़ी मैदान पर नाम कमाने और अपने देश को गर्व करने का सपना लेकर निकलता है। लेकिन कुछ सितारे ऐसे भी हैं जो अपनी कामयाबी को संभाल नहीं पाए और नशे की आदत में डूब गए। इस लत ने उनके करियर के साथ-साथ निजी जिंदगी को भी बर्बाद कर दिया। नशे की गिरफ्त में आए कई खिलाड़ी या तो समय से पहले मैदान से बाहर हो गए या फिर उनकी जिंदगी का अंत बेहद दर्दनाक रहा।
डिएगो माराडोना का नाम इस लिस्ट में शामिल
दरअसल डिएगो माराडोना का नाम जब भी फुटबॉल के महान खिलाड़ियों में लिया जाता है, तब उनकी कोकीन की लत की चर्चा भी जरूर होती है। उन्होंने 20 साल तक ड्रग्स का सेवन किया, जिस वजह से उन्हें कई बार निलंबन झेलना पड़ा। 1991 में नेपोली क्लब ने उन्हें कोकीन के पॉजिटिव टेस्ट के बाद 15 महीने के लिए बैन किया। इसके बाद 1994 वर्ल्ड कप में भी ड्रग्स की वजह से उन्हें बाहर कर दिया गया। माराडोना ने खुद भी कहा था कि अगर वो ड्रग्स की गिरफ्त में नहीं आते, तो उनका फुटबॉल करियर और भी बड़ा हो सकता था।
जॉर्ज बेस्ट भी हुए शिकार
वहीं दूसरी तरफ, जॉर्ज बेस्ट ने मैनचेस्टर यूनाइटेड को यूरोपीय कप जिताया और बैलन डी’ओर भी जीता, लेकिन शराब की लत ने उन्हें बर्बाद कर दिया। सिर्फ 27 साल की उम्र में क्लब छोड़ने के बाद उनका करियर ढलान पर चला गया। अंत में उनका निधन भी शराब से जुड़ी जटिलताओं के कारण हुआ।
विनोद कांबली भी हो गए थे शिकार
दरअसल भारत के विनोद कांबली, जो 1990 के दशक की शुरुआत में सचिन तेंदुलकर के समकक्ष माने जाते थे, उन्होंने भी शराब की लत को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया। उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वे 14 बार रिहैब सेंटर जा चुके हैं। उनके करियर में गिरावट का एक बड़ा कारण शराब रहा।
एंड्रू साइमंड्स की गिरती उड़ान
वहीं ऑस्ट्रेलिया के एंड्रू साइमंड्स ने अपने करियर में कई बार शराब के कारण विवाद झेले। उन्होंने खुद भी माना कि पार्टी करना और मैदान पर नशे में उतरना उनकी आदत बन चुकी थी। कई बार चयनकर्ताओं और बोर्ड से टकराव भी हुआ और अंततः साइमंड्स का करियर समय से पहले खत्म हो गया। 2022 में उनका सड़क हादसे में निधन हो गया, लेकिन उनका नाम आज भी उन खिलाड़ियों में लिया जाता है जिनकी प्रतिभा शराब ने छीन ली।
मार्क बोस्निच की कोकीन की लत
इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर मार्क बोस्निच इंग्लिश प्रीमियर लीग के सबसे चर्चित चेहरों में से एक थे। उन्होंने मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए भी शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन कोकीन की लत ने उनका करियर पूरी तरह खत्म कर दिया। 2001 में कोकीन टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें नौ महीने के लिए बैन कर दिया गया और चेल्सी क्लब ने उन्हें बाहर कर दिया।
बोस्निच की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह हफ्ते में करीब 5,000 पाउंड सिर्फ कोकीन पर खर्च करने लगे थे। उनका खेल खत्म हो गया और उन्हें प्रोफेशनल करियर में सिर्फ 12 मैच खेलने का ही मौका मिला।





