Tue, Dec 30, 2025

Mahakumbh 2025: योगी का विपक्ष पर हमला, कहा- महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वो मिला, गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली

Written by:Atul Saxena
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योगी ने कहा सोशल मीडिया पोस्ट लिखने वाले ने कहा आप पिछले डेढ़ महीने के समाजवादियों और समाजवादियों की सोशल मीडिया वॉल चैक कर लीजिये विशवमन के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। 
Mahakumbh 2025: योगी का विपक्ष पर हमला, कहा- महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वो मिला, गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ अपनी पूर्णता की ओर है, 26 फरवरी को अंतिम पर्व स्नान है, इस दिन महाशिवरात्रि है और उम्मीद की जा रही है कि एक बार फिर इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगायेंगे, उधर महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार करने वाले भी अपने काम में व्यस्त हैं, उनकी सक्रियता भी जारी है लेकिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को पढ़कर समाजवादियों और वामपंथियों पर करार प्रहार किया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस समय बजट सत्र चल रहा है, इसमें बजट के अलावा जिस मुद्दे पर सबसे अधिक चर्चा हो रही है वो है प्रयागराज महाकुंभ 2025, विपक्ष के सदस्य अभी भी महाकुंभ में अव्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं, गंगा के जल को प्रदूषित कहकर सरकार को घेर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री एक एक आरोप का जवाब कड़े शब्दों में दे रहे हैं।

आज तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया की एक सदन में पोस्ट पढ़कर महाकुंभ का लगातार विरोध और दुष्प्रचार करने वाले समाजवादी पार्टी के नेताओं और वामपंथियों को आईना दिखा दिया, उन्होंने कहा एक सज्जन ने महाकुंभ का विरोध करने वालों पर सटीक टिप्पणी की है।

हर बार इनकी कोशिश महाकुंभ को बदनाम करने और फेल करने की रही लेकिन ऐसे लोगों की मंशा को दरकिनार करते हुए करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर इनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है, महाकुंभ में दुखद हादसा हुआ लेकिन फिर भी आस्था और विश्वास तमाम परेशानियों पर भारी पड़ी।

महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला

पोस्ट लिखने वाले ने लिखा-  किसी ने सच कहा, महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला, गिद्धों को केवल लाश मिली…सूअरों को गंदगी मिली…संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली…आस्थावान को पुण्य मिला….सज्जनों को सज्जनता मिली… गरीबों को रोजगार मिला… अमीरों को धंधा मिला…श्रद्धालुओं को साफ सुथरी व्यवस्था मिली…पर्यटकों को अव्यवस्था मिली… सद्भावना वालों को जातिरहित व्यवस्था मिली..भक्तों को भगवान मिले…।

सनातन की सुन्दरता आखिर समाजवादियों और वामपंथियों को कैसे नजर आती?

मतलब सबने अपने चरित्र और स्वाभाव के हिसाब से चीजों को देखा है एक ही घाट पर सभी जाति और वर्ग के तीर्थ यात्री स्नान आरती बिना किसी भेदभाव के करते रहे , सनातन की सुन्दरता आखिर समाजवादियों और वामपंथियों को कैसे नजर आती? इनके द्वारा खड़े किये जाने वाले प्रश्न इनकी ही नीयत को संदेह के दायरे में खड़ा करते हैं।