Wed, Dec 24, 2025

यूपी विधानसभा सत्र: सपा विधायक का तंज- शिक्षकों से गिनवाए जा रहे कुत्ते, RTE पर भी उठाए सवाल, मंत्री संदीप सिंह ने स्कूल मर्जर पर दी सफाई

Written by:Ankita Chourdia
Published:
उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों से BLO ड्यूटी और कुत्तों की गिनती जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं, जबकि मंत्री संदीप सिंह ने स्कूल बंदी के आरोपों को खारिज करते हुए मर्जर की बात कही।
यूपी विधानसभा सत्र: सपा विधायक का तंज- शिक्षकों से गिनवाए जा रहे कुत्ते, RTE पर भी उठाए सवाल, मंत्री संदीप सिंह ने स्कूल मर्जर पर दी सफाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। समाजवादी पार्टी की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने शिक्षकों की स्थिति और उनसे कराए जा रहे कार्यों को लेकर सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने सदन में दावा किया कि प्रदेश में शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा तमाम गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं।

डॉ. सोनकर ने आरोप लगाया कि शिक्षकों की ड्यूटी BLO के कार्यों और मिड-डे मील की निगरानी में लगाई जा रही है। उन्होंने सदन को बताया कि हद तो तब हो गई जब सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में शिक्षकों को दुल्हनों को ब्यूटी पार्लर ले जाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई। अलीगढ़ का उदाहरण देते हुए सपा विधायक ने कहा कि वहां शिक्षकों को कुत्तों की गिनती के काम में लगा दिया गया, जो शिक्षा व्यवस्था की दयनीय स्थिति को दर्शाता है।

BLO ड्यूटी और शिक्षकों की मौत का मुद्दा

सपा विधायक ने एक गंभीर आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि BLO ड्यूटी के दौरान प्रदेश में 35 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या इन मृत शिक्षकों के परिजनों को कोई सरकारी नौकरी या आर्थिक सहायता देने की योजना है? इसके अलावा, उन्होंने सरकारी स्कूलों में गिरती छात्र संख्या और शिक्षकों की भारी कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि आखिर कब तक स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे चलेंगे और नई शिक्षक भर्ती कब शुरू होगी?

निजी स्कूलों की मनमानी पर सवाल

सदन में सपा विधायक आर.के. वर्मा ने निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि RTE के तहत गरीब बच्चों को 25 प्रतिशत प्रवेश देने के नियम का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने निजी स्कूलों में भी सरकारी स्कूलों की तरह पाठ्यक्रम और पुस्तकें निर्धारित करने की मांग की, ताकि अभिभावकों की जेब पर डाका न डाला जा सके।

मंत्री संदीप सिंह का जवाब- स्कूल बंद नहीं, मर्ज हुए

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में कोई भी स्कूल बंद नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या 50 से कम थी, उन्हें नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया गया है। इन खाली हुए परिसरों में अब प्री-प्राइमरी स्तर की ‘बाल वाटिका’ शुरू की जा रही है।

शिक्षकों के तबादलों पर मंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और अब ट्रांसफर के नाम पर कोई वसूली नहीं होती। निजी स्कूलों की शिकायतों पर उन्होंने कहा कि सभी DM को निर्देश दिए गए हैं और निगरानी कमेटियां गठित की गई हैं जो शिकायतों पर कार्रवाई कर रही हैं।