Wed, Dec 24, 2025

सुरक्षा के लिए ‘कवच’ लगा रहा रेलवे, एजेंसी की निगरानी में होगा काम, टेंडर प्रक्रिया शुरू

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
रेल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ट्रेन में सुरक्षा प्रणाली कवच लगाने जा रहा है। इस एजेंसी की निगरानी में लगाया जाएगा जिसके लिए निविदा निकाल दी गई है।
सुरक्षा के लिए ‘कवच’ लगा रहा रेलवे, एजेंसी की निगरानी में होगा काम, टेंडर प्रक्रिया शुरू

रेलवे में अब एजेंसी की निगरानी में ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच लगेगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन में इसके लिए एजेंसी फिक्स करने के लिए साढ़े 6 करोड़ का बजट मंजूर कर दिया है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जिस एजेंसी को यह काम सौंपा जाएगा उसे गुणवत्ता के साथ काम को तय समय में बड़ा करने की भूमिका निभानी होगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक पूर्वोत्तर रेलवे के 136 इलेक्ट्रिक इंजन में कवच लगाया जाएगा। इसके लिए 124 करोड रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

ट्रेनों में लगेगा कवच

बता दें कि पहले चरण में 558 किलोमीटर रोड पर कवच लगाया जाने वाला है। इसके लिए 2 निविदाओं के माध्यम से कवच स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल छपरा बाराबंकी में टावर लगाने का काम किया जा रहा है। पूरी तरह से स्वदेशी कवच ट्रेनों की ढाल के रूप में काम करेगा। इससे एक रेलखंड के एक ही सेक्शन में मौजूद रेल लाइन पर ट्रेनों की टक्कर नहीं होगी।

कैसे काम करेगा कवच

कवच के चलते अगर दो ट्रेन आमने-सामने या आगे पीछे आती है तो इमरजेंसी ब्रेक अपने आप लग जाएगा। यह लोको पायलट की गतिविधियों की निगरानी करेगा। अगर किसी भी तरह की चौक होती है या फिर एक क्षेत्र में दूसरी ट्रेन आती है तो ऑडियो वीडियो के माध्यम से पायलट को अलर्ट कर देगा। अगर लोको पायलट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं होती तो लाल सिग्नल बार करते ही ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। इसके माध्यम से लोको पायलट सिग्नल को लाइव देख सकते हैं। कवच लगने के बाद ट्रेन निर्धारित स्पीड से अधिक नहीं चल सकेगी। समपार फाटकों पर अपने आप ही सिटी बजती रहेगी।

कहां और कैसे लग रहे कवच

कवच सिस्टम को हर एक किलोमीटर पर लगाया जा रहा है। यह ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम पैतृक सिग्नल सिस्टम इंजन के कैब और इंजन के नीचे और स्टेशन मास्टर के पैनल, पटरियों में लगाया जाएगा। जो क्षेत्र में चलने वाली ट्रेन की गति सहित सिग्नल और इंजन सभी चीजों की निगरानी करेगा। रेड सिग्नल रहने, निर्धारित से अधिक स्पीड होने या फिर 1 किलोमीटर के अंदर दूसरे ट्रेन के आते हैं यह एक्टिव हो जाएगा। सबसे पहले यह लोको पायलट और फिर स्टेशन मास्टर को अलर्ट करेगा।