12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया जारी है। विपक्षी दल लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है जहां कांग्रेस ने एसआईआर का मुद्दा उठाया और 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘वोट चोरी’ को लेकर महारैली की। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश में भी समाजवादी पार्टी एसआईआर का जमकर विरोध कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव लगातार मोदी और योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसके साथ ही घुसपैठियों के खिलाफ सीएम योगी के अभियान पर भी हमला बोला है। हालही में अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल और उत्तप्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर प्रतिक्रिया दी है।
SIR बीजेपी की सोची समझी रणनीति और साजिश- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि SIR बीजेपी की सोची-समझी रणनीति और साजिश है। इसके जरिए उन्होंने वो कर दिखाया जो वे सीधे NRC से नहीं कर पाए। बीजेपी इलेक्शन कमीशन के साथ मिलीभगत कर रही है और उन इलाकों से वोट कटवा रही है। जहां वे हार रहे हैं। यूपी में उनके मुख्यमंत्री लिस्ट में वोट जुड़वा रहे हैं। इससे लोकतंत्र मजबूत होगी या कमजोर? हमने अपनी आँखों से चुनाव में धांधली होते देखा, और हम कुछ नहीं कर सके। लोकसभा चुनाव से पहले, फर्रुखाबाद DM को निर्देश दिया गया था कि नतीजे समाजवादी पार्टी के नहीं, बीजेपी के पक्ष में होंगे। कई बार बिजली काटी गई, बार-बार लाठियाँ चलीं, और DM और SSP ने रिश्वत ली।
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के संभावित नुकसान को देखते हुए ही चुनाव आयोग ने दो हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है, लेकिन इसके बावजूद ‘पीडीए प्रहरी’ अब पहले से दोगुनी सतर्कता के साथ SIR प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।





