अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष के लिए इस बार बड़ी दिलचस्प स्थिति देखने को मिली। 15,337 विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया, लेकिन अंतिम तिथि तक केवल 10,357 ने ही प्रवेश लिया। यानी करीब 32 प्रतिशत छात्र पंजीकरण कराने के बाद भी दाखिला नहीं ले सके। छात्र पंजीकरण में उत्साह दिखा, लेकिन प्रवेश की प्रक्रिया में उनकी दिलचस्पी कम रही। प्रशासन अब इसके कारणों का विश्लेषण कर रहा है।
विश्वविद्यालय के चार परिसर और 36 महाविद्यालय
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अधीन चार मुख्य परिसर – अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत – और 36 महाविद्यालय संचालित हैं। इस बार समर्थ पोर्टल के जरिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया। पंजीकरण में अच्छा रिस्पॉन्स मिला, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों की संख्या घट गई। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कई छात्रों ने अन्य कॉलेजों या कोर्स का विकल्प चुना है। फिर भी यह अंतर चिंता का विषय बन गया है।
परिसरवार प्रवेश की स्थिति
अल्मोड़ा के एसएसजे परिसर में 2,911 ने पंजीकरण कराया, लेकिन केवल 1,434 ने प्रवेश लिया। बागेश्वर परिसर में 616, पिथौरागढ़ में 2,420 और चंपावत में 460 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। बाकी महाविद्यालयों में कुल 5,427 छात्रों ने प्रवेश लिया। यह आंकड़ा बताता है कि छात्र प्रवेश के लिए अलग-अलग स्थानों पर विकल्प खोज रहे हैं। प्रशासन का प्रयास है कि अगले सत्र में प्रवेश प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाया जाए।
स्नातकोत्तर में भी गिरावट
स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में भी प्रवेश की स्थिति कम रही। कुल 5,080 छात्रों ने पंजीकरण कराया, लेकिन केवल 1,901 ने प्रवेश लिया। इसमें चंपावत और बागेश्वर कैंपस की स्थिति सबसे कमजोर रही। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि दूर-दराज के छात्रों को आने-जाने में कठिनाइयाँ आ रही हैं। इसके अलावा छात्रों को कोर्स चयन में सही मार्गदर्शन की जरूरत महसूस हो रही है।
आगे की योजना और प्रशासन की प्रतिक्रिया
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वीकार किया है कि प्रवेश में गिरावट एक गंभीर मुद्दा है। अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की समस्याओं को समझकर प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। ऑनलाइन सुविधा, काउंसलिंग और संपर्क केंद्रों की मदद से छात्रों को मार्गदर्शन दिया जाएगा। विश्वविद्यालय यह भी सुनिश्चित करेगा कि अगले सत्र में पंजीकरण से लेकर प्रवेश तक पूरी प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी हो ताकि अधिक छात्र उच्च शिक्षा से जुड़ सकें।





