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Wed, Dec 17, 2025

सोयाबीन की सही कीमत नहीं मिलने से फूटा किसानों का गुस्सा, हाईवे पर किया चक्का जाम, सरकार से की ये मांग

Written by:Atul Saxena
Published:
भावांतर योजना के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रदेश में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन का कार्य 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो गया है जो 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। भावांतर की अवधि 01 नवम्बर से 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेगी।
सोयाबीन की सही कीमत नहीं मिलने से फूटा किसानों का गुस्सा, हाईवे पर किया चक्का जाम, सरकार से की ये मांग

आगर मालवा जिले में सोयाबीन की फसल का सही दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों ने आज नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। जिला मुख्यालय के छावनी चौराहे पर किसानों ने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, जिससे करीब एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा।

आक्रोशित किसानों के मुताबिक आगर कृषि उपज मंडी में किसानों को सोयाबीन का दाम मात्र 2700 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 से बहुत कम है। कम दाम से नाराज किसानों ने पहले मंडी में प्रदर्शन किया और मंडी गेट पर ताला जड़ दिया। बाद में नारेबाजी करते हुए किसान छावनी नाका चौराहे पहुंचे और अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े कर नेशनल हाईवे-52 पर चक्काजाम कर दिया।

किसान की मांग मंडी में ही तत्काल दे दे जाए भावान्तर योजना की राशि 

किसानों का कहना है कि अतिवृष्टि और पीला मोज़ेक वायरस से फसल पहले ही खराब हो चुकी है, ऊपर से मंडी में कम भाव मिलने से अब उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही। किसानों ने सवाल उठाया कि जब भावांतर योजना में सरकार भाव का अंतर देती है, तो वह राशि मंडी में ही क्यों नहीं दे रही जिससे उन्हें तुरंत राहत मिल सके।

किसान बोले पहले मौसम ने मारा और अब व्यापारी और सरकार मार रहे 

चक्काजाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडिशनल एसपी, एसडीएम, तहसीलदार और थाना प्रभारी ने किसानों से चर्चा की। आक्रोशित किसानों ने कहा कि हमें तो पहले ही मौसम ने पीला मोजेक ने मार दिया अब व्यापारी मार रहा है, सरकार भी बड़ी बड़ी बातें करती है, अरे 2500, 2700 में सोयाबीन खरीद रहे हैं जबकि भाव 5328 रुपये प्रति क्विंटल है, किसान बोले भावांतर में भी नियम बनाये है जिनकी फसल उतनी नहीं बिकी तो वो किसान तो पूरी तरह बर्बाद हो जायेगा

प्रशासन की समझाइश के बाद हाइवे से हटे किसान, दी आंदोलन की चेतावनी 

समझाइश के बाद किसानों ने जाम खत्म किया। इस दौरान हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। फिलहाल स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर फसलों का उचित मूल्य नहीं मिला तो वे आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे।

आगर मालवा से गौरव सरवारिया की रिपोर्ट