देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल करने वाले इंदौर में दूषित पानी पीने से अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि अनाधिकारिक आंकड़ा नौ तक बताया जा रहा है। शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पेयजल की आपूर्ति के बाद एक हज़ार से ज्यादा लोग बीमार है। उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के साथ कई लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। इस मामले पर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा है कि आज भी प्रदेश की जनता साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधा के लिए तरस रही है। उन्होंने कहा कि ‘साल के अंतिम दिन भाजपा सरकार ने नए वर्ष की उमंग और उत्साह को शोक और मातम में बदल दिया। “भाजपा है तो मुमकिन है” यह उसका सबसे क्रूर और अमानवीय उदाहरण है।’
इंदौर में दूषित पानी मामले में अधिकारियों पर गिरी गाज
इंदौर के भागीरथपुरा नलों से दूषित पानी पहुंचने के मामले की जांच में वॉटर सप्लाई लाइन में लीकेज पाया गया है।इसी कारण गंदा और संक्रमित पानी पीने के पानी में मिल गया। इसी लीकेज के जरिए दूषित पानी घरों तक पहुंचा। अब प्रशासन ने मरम्मत का काम और जल सैंपल की जांच शुरू की है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 4, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री पीएचई को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। प्रभारी उपयंत्री पीएचई को पद से हटा दिया गया है और घटना की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की जांच समिति गठित की गई है।
कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा
वहीं, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर मामले के बाद प्रदेश की बीजेपी सरकार को ‘क्रूर और अमानवीय’ करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि उन्होंने कहा कि दो दशक से अधिक समय से सत्ता में रहने वाली भाजपा सरकार की यह शर्मनाक और असंवेदनशील सच्चाई है कि आज भी प्रदेश की जनता साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। उन्होंने कहा कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी विफलता का नतीजा है।
उमंग सिंघार ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि एक ओर दूषित पानी से लोग जान गंवा रहे हैं, तो दूसरी ओर अवैध और जहरीली शराब से मौतों की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि हवाई यात्राओं से समय निकालकर ज़मीनी हकीकत को समझें, मामले का तत्काल संज्ञान लें, निष्पक्ष जाँच कराएँ, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें, पीड़ितों को बेहतर इलाज व आर्थिक सहायता तथा मृतकों के परिजनों को उचित मुआवज़ा प्रदान किया जाए।’





