मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राजधानी भोपाल की श्यामला हिल्स के पब बनी झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है, कार्रवाई के विरोध में दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने झुग्गियां हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट ने भोपाल के श्यामला हिल्स के पास स्थित झुग्गियों की झोपड़ियां को हटाने के कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस अमित सेठ की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 27 मजदूरों की याचिका पर अंतरिम राहत दी है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है।
आरक्षित वन भूमि पर पीढ़ियों से रह रहे आदिवासी
दरअसल भोपाल के श्यामला हिल्स में रहने वाले आदिवासी मोहल्ले के मानसिंह व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि यह वह सभी अनुसूचित जाति के हैं और खसरा नंबर 1413 की आरक्षित वन भूमि पर कई पीढ़ियों से रह रहे हैं।
इस आधार पर भोपाल प्रशासन ने दिया बेदखली का आदेश
याचिका में बताया गया कि तुलसी मानस प्रतिष्ठान मध्य प्रदेश के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन रघुनंदन शर्मा ने 24 नवंबर 2024 को जिला कलेक्टर को पत्र देकर मानस भवन के पीछे स्थित सभी झुग्गियों को अवैध बताया और उन्हें हटाने की मांग की।
प्रशासन के आदेश के खिलाफ कोर्ट में लगाई याचिका
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि इसी पत्र के आधार पर भोपाल एसडीएम ने 25 अगस्त 2025 को बेदखली के आदेश पारित कर दिए। आदेश के खिलाफ अपील लंबित होने के बाद भी कार्रवाई किए जाने पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
संदीप कुमार की रिपोर्ट





