Wed, Dec 31, 2025

हरदा में चायनीज मांझे पर पूरी तरह प्रतिबंध, कलेक्टर सिद्धार्थ जैन का सख्त आदेश लागू

Written by:Bhawna Choubey
Published:
हरदा जिले में मानव जीवन और सुरक्षा को खतरा बन चुके नायलॉन व सिंथेटिक चायनीज मांझे पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। कलेक्टर के आदेश के बाद अब सिर्फ सुरक्षित सूती धागे से ही पतंग उड़ाने की अनुमति होगी।
हरदा में चायनीज मांझे पर पूरी तरह प्रतिबंध, कलेक्टर सिद्धार्थ जैन का सख्त आदेश लागू

मकर संक्रांति, नए साल और सर्दियों के मौसम में पतंग उड़ाना हमारे समाज की एक पुरानी परंपरा रही है। छतों पर बच्चे, युवा और परिवार एक साथ इकट्ठा होकर पतंगबाजी का आनंद लेते हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह परंपरा धीरे-धीरे खतरे में बदलती जा रही है। वजह है नायलॉन और सिंथेटिक मांझा, जिसे आम बोलचाल में ‘चायनीज मांझा’ कहा जाता है।

हर साल इस मांझे से गले कटने, हाथ जख्मी होने, पक्षियों की मौत और सड़क दुर्घटनाओं की खबरें सामने आती हैं। इन्हीं घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए हरदा जिला प्रशासन ने अब बड़ा और सख्त फैसला लिया है, जिससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

हरदा में चायनीज मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश

कलेक्टर कार्यालय हरदा द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार हरदा जिले में नायलॉन और सिंथेटिक मांझे के निर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सिद्धार्थ जैन द्वारा जारी किया गया है। आदेश में साफ कहा गया है कि यह निर्णय मानव जीवन, स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। चायनीज मांझा न केवल पतंग उड़ाने वालों के लिए, बल्कि राहगीरों, वाहन चालकों और पक्षियों के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। प्रशासन का मानना है कि अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो दुर्घटनाओं की संख्या और बढ़ सकती है।

किस कानून के तहत जारी हुआ आदेश

कलेक्टर सिद्धार्थ जैन द्वारा जारी यह प्रतिबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत लगाया गया है। इस धारा के तहत जिला प्रशासन को यह अधिकार मिलता है कि वह किसी भी ऐसी गतिविधि पर रोक लगा सके, जिससे सार्वजनिक शांति, जीवन और सुरक्षा को खतरा हो। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह अपराध दंडनीय होगा, जिसमें जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है।

अब किस तरह का मांझा होगा वैध

प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि पतंग उड़ाने पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि सिर्फ खतरनाक मांझे पर प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश के अनुसार अब जिले में केवल साधारण सूती धागे से पतंग उड़ाने की अनुमति होगी। यह सूती धागा किसी भी प्रकार के तेज, धात्विक, कांच या मजबूत करने वाली सामग्री से मुक्त होना चाहिए। यानी वह मांझा, जिसमें कांच की परत, धातु के कण या नायलॉन का मिश्रण न हो, वही वैध माना जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि परंपरा भी बनी रहे और किसी की जान को खतरा भी न हो।

चायनीज मांझा क्यों है इतना खतरनाक

नायलॉन और सिंथेटिक मांझा देखने में भले ही पतला और हल्का लगता है, लेकिन इसकी धार बेहद तेज होती है। कई मामलों में यह गले, उंगलियों और हाथों को गंभीर रूप से काट देता है। दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मांझा सबसे ज्यादा खतरनाक साबित होता है, क्योंकि तेज रफ्तार में यह गले में फंसकर जानलेवा चोट पहुंचा सकता है। इसके अलावा पक्षियों के लिए भी यह मांझा किसी जाल से कम नहीं है। हर साल पतंगबाजी के मौसम में सैकड़ों पक्षी इस मांझे में उलझकर घायल हो जाते हैं या उनकी मौत हो जाती है। पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों ने लंबे समय से इस मांझे पर प्रतिबंध की मांग की थी।

पहले भी हो चुकी हैं गंभीर घटनाएं

हरदा ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और देश के कई हिस्सों में चायनीज मांझे से जुड़ी गंभीर घटनाएं सामने आती रही हैं। कहीं किसी बच्चे की उंगली कट गई, तो कहीं बाइक सवार का गला जख्मी हो गया। कई मामलों में लोगों की जान तक चली गई है। इन्हीं घटनाओं से सबक लेते हुए हरदा प्रशासन ने इस बार पहले ही सख्त कदम उठा लिया है। अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध का मकसद किसी की खुशी छीनना नहीं, बल्कि जान बचाना है।

व्यापारियों और दुकानदारों के लिए क्या निर्देश

आदेश के तहत न केवल उपयोग, बल्कि निर्माण, बिक्री और भंडारण पर भी रोक लगाई गई है। इसका मतलब है कि कोई भी दुकानदार चायनीज मांझा बेचता या स्टोर करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। प्रशासन ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि बाजारों में नियमित जांच की जाए। विशेष रूप से पतंग और मांझा बेचने वाली दुकानों पर नजर रखी जाएगी, ताकि प्रतिबंध का सख्ती से पालन हो सके।