हरदा (Harda) में आज का दिन प्रशासन और आम लोगों दोनों के लिए बेहद अहम है। करणी सेना परिवार के जनक्रांति आंदोलन को लेकर जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नेहरू स्टेडियम से लेकर शहर की सीमाओं तक पुलिस बल तैनात है और ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। खंडवा, बैतूल और नर्मदापुरम की ओर जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला जा रहा है ऐसे आंदोलनों के दौरान आम जनता को सबसे ज्यादा दिक्कत यातायात और सुरक्षा को लेकर होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पहले से ही रूट डायवर्जन, ड्रोन निगरानी और अतिरिक्त रिजर्व बल की व्यवस्था की है।
करणी सेना का हरदा आंदोलन
करणी सेना परिवार का यह आंदोलन 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आयोजित किया जा रहा है। 21 दिसंबर को नेहरू स्टेडियम में होने वाले इस जनक्रांति आंदोलन में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है। प्रशासन के अनुसार, आसपास के जिलों से भी समर्थकों के आने की जानकारी मिली है। इसी वजह से प्रशासन ने इसे सामान्य कार्यक्रम न मानते हुए उच्च जोखिम वाला आयोजन माना है। सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक कंट्रोल और भीड़ प्रबंधन, तीनों पर खास फोकस रखा गया है। करणी सेना का हरदा आंदोलन जिले में चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है।
हरदा में पांच स्तरीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था लागू
आंदोलन को देखते हुए जिले में 5 लेयर यानी पांच स्तरीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। यह व्यवस्था सिर्फ नेहरू स्टेडियम तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स तक फैली हुई है। प्रशासन के अनुसार 10 जिलों का पुलिस बल तैनात, विशेष सशस्त्र बल (SAF) की कई कंपनियां, क्यूआरएफ और एसटीएफ की तैनाती, करीब 1500 पुलिसकर्मी रिजर्व में इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था आमतौर पर बड़े राजनीतिक या संवेदनशील आंदोलनों में ही की जाती है।
अतिरिक्त रिजर्व बल अलर्ट मोड पर
सिर्फ हरदा ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में भी अतिरिक्त रिजर्व बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जरूरत पड़ने पर यह बल तुरंत हरदा पहुंच सकेगा। शनिवार को पुलिस और प्रशासन ने शहर में फ्लैग मार्च निकालकर साफ संदेश दिया कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। फ्लैग मार्च पुलिस कंट्रोल रूम से शुरू होकर आंबेडकर चौक, अस्पताल चौराहा, उत्कृष्ट विद्यालय, तेजाजी चौक, सब्जी मंडी सहित प्रमुख मार्गों से होता हुआ वापस कंट्रोल रूम पर खत्म हुआ।
जिले की चारों सीमाओं पर बैरिकेडिंग, सख्त चेकिंग
करणी सेना के आंदोलन को देखते हुए हरदा जिले की चारों सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई है। आने-जाने वाले वाहनों की जांच की जा रही है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसका सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ता है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह कदम सिर्फ सुरक्षा के लिए उठाया गया है। आंदोलन स्थल के आसपास के सभी मार्गों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
खंडवा, बैतूल और नर्मदापुरम जाने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट
आंदोलन के चलते ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। खंडवा, बैतूल और नर्मदापुरम की ओर जाने वाले वाहन अब डायवर्ट रूट से गुजरेंगे। यातायात थाना पुलिस के अनुसार हरदा से छीपानेर जाने-आने वाले वाहन, अस्पताल तिराहा, नई सब्जी मंडी मार्ग, प्रताप टॉकीज मार्ग, बायपास चौराहा, छीपानेर चौक
इन मार्गों का उपयोग कर सकेंगे।
ड्रोन और हाईटेक कैमरों से हर पल निगरानी
सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए प्रशासन ने हाईटेक तकनीक का सहारा लिया है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी खुद फील्ड में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। प्रशासन का साफ कहना है कि किसी भी तरह की अवांछित गतिविधि को समय रहते पहचानकर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
24 अधिकारी और 48 पटवारियों की विशेष ड्यूटी
कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने निगरानी व्यवस्था के लिए 24 अधिकारियों और 48 पटवारियों की ड्यूटी लगाई है। ये अधिकारी 24 अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहेंगे और भीड़, ट्रैफिक तथा सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लगातार कंट्रोल रूम को देंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि किसी भी स्थिति में निर्णय लेने में देरी न हो और हालात पूरी तरह नियंत्रण में रहें।





