जबलपुर जिले में संचालित एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय रामपुर के सैकड़ों विद्यार्थी आज सड़कों पर प्रदर्शन करते और नारेबाजी करते दिखाई दिए, ये सभी अपनी स्कूल प्रिंसिपल के व्यवहार से परेशान थे और कलेक्टर से उनकी शिकायत करने जा रहे थे , विद्यार्थी प्रिंसिपल का नाम लेकर हाय हाय के नारे लगा रहे थे और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे थे
जबलपुर की सड़कों पर आज उस समय अजीब स्थिति बन गई जब यूनिफ़ॉर्म पहले करीब 450 छात्र छात्राएं नारेबाजी करते सड़क पर दिखाई दिए, ये सब रानी मैडम हाय हाय के नारे लगा रहे थे, मीडिया को जानकारी लगी तो पता किया जिसपर बच्चों ने बताया रानी मैडम उनकी प्रिंसिपल है और वे सब उनकी शिकायत करने कलेक्टर से मिलने जा रहे थे
अपने ही विद्यालय की प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले छात्र छात्राओं ने उनपर अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाये, बच्चों के मुताबिक प्रिंसिपल अविनाश रानी की कुछ दिन पहले ही नियुक्ति हुई है ये केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त है जबकि एक प्रिंसिपल राज्य सरकार द्वारा भी नियुक्त है दोनों के बीच कार्य विभाजन है , अविनाश रानी के पास छात्रावास अधीक्षिका का भी चार्ज है
महिला प्राचार्या /अधीक्षिका के खिलाफ सड़क पर विद्यार्थी
जबलपुर रामपुर एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले सैकड़ों विद्यार्थी सोमवार को छात्रावास अधीक्षिका के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए छात्रावास में लगे ताला को तोड़ते हुए बाहर निकल आए और फिर कलेक्टर कार्यालय का पैदल ही रुख कर लिया। करीब तीन किलोमीटर तक पैदल आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों को रोका और उन्हें मनाने में जुटे रहे। विद्यार्थियों ने कहा है कि छात्रावास अधीक्षिका न सिर्फ उनसे अभद्रता करती है, बल्कि जातिसूचक शब्द भी कहती है, इतना ही नहीं जब कभी परिवार वाले आते है, तो उनसे भी अधीक्षक अभद्रता करती है।
विद्यार्थियों का आरोप हमसे साफ़ कराये जाते हैं बाथरूम ,नाली
प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने कहा स्कूल में प्यून और अन्य कर्मचारी होने के बाद भी हमसे बाथरूम, नाली साफ करवाई जाती है। छात्रावास में डस्टिंग का काम भी हम लोग ही करते हैं। छात्राओं ने कहा कि जो भी छात्र-छात्राएं प्राचार्य की बात नहीं मानते हैं, उनके साथ मारपीट की जाती है। बार-बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रावास का ताला तोड़ा और कलेक्टर से मिलने रवाना हो गए। छात्र अनिल बैगा का कहना है कि जब परिवार वाले मिलने आते हैं, तो उनसे भी अभद्रता करती हैं इसलिए जब तक प्राचार्या को हटाया नहीं जाता है, तब तक छात्र इसी तरह से प्रदर्शन करेंगे।
एक विद्यालय में दो प्रिंसिपल , बच्चे और टीचर सब परेशान, किसकी सुनें
उल्लेखनीय है एकलव्य आदिवासी विद्यालय भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित विद्यालय है इसमें केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से दो प्रिंसिपल की नियुक्ति होती है अविनाश रानी को भारत सरकार ने जबलपुर में पदस्थ किया गया है, जबकि गीता साहू राज्य सरकार की और से तैनात है। छात्राओं का कहना है कि दोनों ही प्रिंसिपल अलग-अलग निर्देश देते हैं। ऐसे में हमें ये समस्या यह आ रही है कि दोनों में से किसकी बात माने। दोनों प्राचार्य रसूख जमाने के लिए टीचरों तक पर भी पाबंदी लगाती हैं।
जिला पंचायत सीईओ ने सुनी बच्चों की बात और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया
कलेक्टर को जैसे ही जानकारी लगी कि सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं हास्टल से बाहर निकलकर कलेक्टर कार्यालय तरफ आ रहे हैं। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की पर जब वह नहीं माने तो जिला पंचायत सीईओ को छात्रों से मिलने भेजा गया। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक गहलोत ने भी माना कि विद्यार्थियों से बात की है उसमें से ज्यादातर शिकायतें प्रिंसिपल के व्यवहार से जुडी है हम इसका समाधान करने की कोशिश करेंगे और जनजातीय कर विभाग से को भी नोटिस देकर पूछा जायेगा कि शिकायत के बाद भी उन्होंने इसपर संज्ञान क्यों नहीं लिया।
संदीप कुमार की रिपोर्ट





