MP Breaking News
Sun, Dec 21, 2025

साल 2025 में भारतीय शेयर बाजार तोड़ेगा कई रिकॉर्ड! सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में होगा शुमार

Written by:Rishabh Namdev
Published:
Last Updated:
भारतीय शेयर बाजार आने वाले साल यानी 2025 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शुमार हो सकता है। दरअसल यह कहना अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का है। मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के मुताबिक 2025 में भारतीय शेयर बाजार में 28.25% की तेजी देखी जा सकती है।
साल 2025 में भारतीय शेयर बाजार तोड़ेगा कई रिकॉर्ड! सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में होगा शुमार

भारतीय शेयर बाजार हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। वहीं अब 2025 में भारतीय शेयर बाजार सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शुमार हो जाएगा। मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि भारतीय सेंसेक्स 1 साल में 28% चढ़कर एक लाख के आंकड़े को पार कर सकता है। इसके साथ ही अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर देखने को मिल सकती है। मॉर्गन स्टेनली की माने तो भारतीय सेंसेक्स आने वाले साल में 10,5000 के स्तर को छू सकता है।

हालांकि इसके लिए कुछ स्थितियां बताई गई है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार यदि कच्चे तेल के दाम $70 प्रति बैरल के नीचे रहते हैं तो ऐसी स्थिति में सेंसेक्स में 28% की ग्रोथ नजर आ सकती है। जिसके चलते महंगाई में भी कमी देखने को मिलेगी।

सेंसेक्स 93000 के लेवल को पार कर सकता है

इसके साथ ही रिपोर्ट में दो आशंकाएं जताई गई है। दरअसल यदि इसपर पर नजर डाली जाए तो मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि अगर बाजार में सामान्य स्थिति देखने को मिलती है, तो आने वाले साल में सेंसेक्स 93000 के लेवल को पार कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह 13.8 परसेंट तेजी को दिखा रहा है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक यह स्थिति तब ही देखने को मिलेगी जब सरकारी घाटे में कमी आएगी और लोग निवेश की तरफ ज्यादा बढ़ेंगे। इसके साथ ही रियल ग्रोथ व रियल रेट्स के बीच अंतर बढ़ने लगेगा।

इस स्थिति में बदलेगा बाजार

वहीं अगर बेयर केस पर हम नजर डाले तो रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले साल में बाजार में मंदी देखने को मिलती है तो बाजार के आंकड़े बदल सकते हैं। यदि साल 2025 में मंदी के अनुसार देखें तो 14.3% की गिरावट सेंसेक्स में नजर आ सकती है। जिसके चलते सेंसेक्स 70000 तक गिर सकता है। हालांकि इसके लिए स्थितियां विपरीत है। अगर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी देखी जाए और यह 10 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाए तो यह स्थिति देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही 70000 के स्तर को छूने के लिए अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी नजर रखना होगी। अगर अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मंदी आती है तो भारतीय बाजार भी गिरावट का सामना करेगा।