Fri, Dec 26, 2025

एक्शन में RBI, इन 3 बड़े बैंकों पर गिरी गाज, लगा भारी जुर्माना, नियम तोड़ने का आरोप, कहीं इनमें आपका Account तो नहीं?

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आरबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक समेत तीन बड़े बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप है। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कदम उठाया और क्या ग्राहकों पर भी प्रभाव पड़ेगा?
एक्शन में RBI, इन 3 बड़े बैंकों पर गिरी गाज, लगा भारी जुर्माना, नियम तोड़ने का आरोप, कहीं इनमें आपका Account तो नहीं?

RBI Action: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तीन प्रसिद्ध बैंकों पर कार्रवाई की है। एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में एक सरकारी और दो प्राइवेट बैंक शामिल हैं। यह कदम आरबीआई ने नियमों का सही से अनुपालन न होने पर उठाया है। 17 अप्रैल गुरुवार को इससे संबंधित बयान भी जारी किया है।

पब्लिक सेक्टर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर 29.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं आईडीएफसी बैंक पर 38.60 लाख रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक पर 61.40 लाख रुपये का मॉनेटरी पेनल्टी लगाई है। किसी ने केवाईसी तो किसी ने कस्टमर सर्विस से जुड़े दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है।

वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए निरीक्षण के दौरान आरबीआई को पता चला कि बैंक सही से नियमों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद सभी बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। बैंक की प्रतिक्रिया और आगे की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके बाद जुर्माना लगाने का फैसला केंद्र बैंक ने किया।

पंजाब नेशनल बैंक

पीएनबी ने “बैंकों में ग्राहक सेवा” पर जारी कुछ निर्देशों का अनुपालन नहीं किया। खातों में न्यूनतम शेषन राशि न रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाए, जो नियमों के विरुद्ध। इसलिए आरबीआई ने जुर्माना लगाने का फैसला लिया। बता दें कि इस कार्रवाई का प्रभाव बैंक और ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते की वैधता पर नहीं पड़ेगा। ना ही भविष्य में होने वाले आरबीआई के किसी भी अन्य कार्रवाई पर इसका कोई असर पड़ेगा।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कुछ एकल स्वामित्व वाली फ़र्मों के चालू खाता खोलने के लिए अपेक्षित ग्राहक सावधानी प्रक्रिया को पूरा नहीं किया। इस आरोप की पुष्टि होने के बाद केन्द्रीय बैंक ने मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला लिया।

कोटक महिंद्रा बैंक

कोटक महिंद्रा यह सुनिश्चित करने में विफल रहा की बकाया “ऋण घटक” कुछ उधारकर्ताओं के लिए स्वीकृत निधि आधारित कार्यशील पूंजी सीमा का काम से कम निर्दिष्ट प्रतिशत था।  इसके अलावा बैंक ने कुछ स्टॉक ब्रोकर के लिए इंट्रा-डे सीमाओं के लिए मार्जिन आवश्यकताओं का अनुपालन भी नहीं किया।