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Sat, Dec 20, 2025

वफादारी : घर में लगी आग, “डेवी” ने 13 साल के कनिष्क की ऐसे बचाई जान

Written by:Mp Breaking News
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वफादारी : घर में लगी आग, “डेवी” ने 13 साल के कनिष्क की ऐसे बचाई जान

ग्वालियर । जानवरों में श्वान यानि डॉग को सबसे वफादार जानवर माना जाता है, ये कई बार प्रमाणित भी हो चुका है । ग्वालियर में भी इसका प्रमाण मिला जब एक श्वान ने घर में आग लगने पर ना सिर्फ खुद को बचाया बल्कि घर में सो रहे 13 साल के अपने मालिक को भौंककर जगाया, जब वे नहीं जागे तो दांतों से उसकी चादर खींची, पैर में काटा और उठाकर बाहर ले आई।  

थाटीपुर क्षेत्र में बने पुलिस क्वार्टर में रहने वाली आरक्षक अर्चना कंसाना के घर में लगी आग और आग में घिरे उनके नाबालिग बेटे के सुरक्षित बचने की कहानी किसी फिल्म की कहानी जैसी लगती है। इस कहानी की हीरो है उनकी 12 महीने यानि एक साल की जर्मन शेफर्ड डॉगी डेवी। एक फिल्मी हीरो की तरह डेवी ने अपने 13 साल के मालिक की जान बचाकर वफादारी की अनूठी मिसाल पेश की है।दरअसल अर्चना कंसाना क्राइं ब्रांच में पदस्थ है सुबह 6:30 बजे वे पूजा पाठ कर कर अपने घर से एसपी ऑफिस स्थित अपने कार्यालय पहुंच गईं और अपनी टीम के साथ एक इनामी बदमाश को पकड़ने दबिश के लिए भिंड निकल गईं। पति 10:30 बजे प्रॉपर्टी डीलिंग के अपने ऑफिस चले गए ।  13 साल का बेटा कनिष्क 12 बजे स्कूल से घर लौटा, खाने वाली बाई ने  कनिष्क को खाना परोसा और चली गई । अब घर में केवल कनिष्क और उसकी 12 महीने की साथी “डेवी” थे। खाना खाने के बाद कनिष्क चादर ओढ़कर सो गया । थोड़ी देर बाद करीब 3 बजे “डेवी” को किसी खतरे का अहसास हुआ , जिस कमरे में अर्चना पूजा कर गई थीं वहां से धुआं उठ रहा था। डेवी तत्काल हरकत में आई उसने पास के कमरे में सो रहे कनिष्क को भौंककर खतरे से आगाह करना चाहा, जब “डेवी” के भौंकने पर कनिष्क नहीं जागा तो “डेवी” बिस्तर पर चढ़ गई , उसने कनिष्क की चादर खींची जब इसके बाद भी जब वो नहीं जागा तो “डेवी” ने उसके पैर में धीरे के काट लिया । “डेवी” के काटते ही कनिष्क जाग गया उसने जैसे ही धुआं देखा तो सब माजरा समझ आ गया । कनिष्क समझदारी दिखाते हुए कमरे से बाहर आया, अपनी मां और पिताजी को फोन लगाया फिर पड़ोसियों और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि आग बहुत बड़ी नहीं थी  फिर भी आग से पूजा का मंदिर, घर में रखे 70 हजार रुपए और कपड़े जल गए । लेकिन एक डॉग की समझदारी से कनिष्क की जान बच गई । 

घटना की सूचना मिलते ही अर्चना घर लौटीं उन्होंने “डेवी”को गले लगाया और कहा कि इसका अहसान मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगी मेरे लिए तो ये भगवान है। वहीं कनिष्क का कहना है कि  “डेवी” मेरी बेस्ट फ्रेंड है, मैं ुसके साथ खेलता हूं, मुझे कभी नहीं लगा कि मैं अकेला हूं। वहीं ”डेवी” की बहादुरी, समझदारी और  वफादारी की चर्चे पूरे शहर में हो रहे हैं।