मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में आपदा राहत को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को केंद्र से एरिया स्पेसिफिक नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए विशेष आर्थिक पैकेज चाहिए। सीएम ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार फिलहाल केवल प्रोजेक्ट स्पेसिफिक पैसा दे रही है, जिसका इस आपदा में कोई खास लाभ नहीं है। उन्होंने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर पर आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र के पास जाकर एरिया स्पेसिफिक ग्रांट की मांग की, जबकि नुकसान पूरे प्रदेश में हुआ है और मदद भी सभी को मिलनी चाहिए। सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों के लिए पूरी तरह संवेदनशील है और किराए पर रहने वालों को गांव में पांच हजार व शहरों में दस हजार रुपये किराया दिया जा रहा है।
सीएम सुक्खू का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों में राहत कार्य लगातार किए जा रहे हैं। राजस्व मंत्री ने सराज क्षेत्र का दौरा किया और राहत कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने तिरंगे का अपमान किए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि किसी मंत्री और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान सभी को करना चाहिए। जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, वे लिखित माफी मांगें तो सरकार मुकदमे वापस लेने पर विचार करेगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि विपक्ष के नेता जहां चाहेंगे, वहां सरकार शेल्टर होम बनाने को तैयार है।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के पास सीमित जगह है और बिना वन भूमि का इस्तेमाल किए कुछ संभव नहीं। इसके लिए फॉरेस्ट राइट एक्ट में बदलाव जरूरी है और यह केंद्र सरकार ही कर सकती है। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि इस मामले में मिलकर केंद्र पर दबाव बनाया जाए। सीएम ने कहा कि लोग पांच बीघा की बजाय एक बीघा जमीन भी मिलने पर संतुष्ट हैं। उन्होंने विपक्ष को आमंत्रित किया कि सभी मिलकर दिल्ली चलें और पूरे राज्य की तरफ से विशेष पैकेज की मांग करें। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश तो दिए गए हैं कि वे विपक्ष की बात सुनें, लेकिन सवाल यह है कि कितने अधिकारी वास्तव में सुनते हैं। उन्होंने माना कि सत्ता और विपक्ष दोनों को मिलकर काम करना होगा क्योंकि “ताली एक हाथ से नहीं बजती”।
सीएम ने विपक्ष पर गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि वे कंफ्यूज हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार एसडीआरएफ और एनडीआरएफ में पैसा देती है, जो उसका दायित्व है। लेकिन वर्ष 2023 की आपदा से हुए नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो पाई है। केंद्र ने 1500 करोड़ रुपये दिए, वह भी केवल प्रोजेक्ट स्पेसिफिक हैं। भाजपा नेता दिल्ली तो गए लेकिन कोई विशेष मदद नहीं ला पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को दौरे के लिए हेलिकॉप्टर भी दिया गया, बावजूद इसके वे कटाक्ष कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी गरीब का हक सरकार कभी मारेगी नहीं। शिमला विश्वविद्यालय के पास शिव मंदिर हादसे में 27 लोगों की मौत हुई थी, इसे विपक्ष गलत तरीके से विश्वविद्यालय से जोड़ रहा है।





