प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) देश के प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर गरीब को उन्हें पक्का मकान देना चाहते हैं लेकिन उसमें भी पंचायत के सरपंच सचिव भ्रष्टाचार करने में नहीं हिचकिचाते, देश से लेकर प्रदेश तक प्रधानमंत्री आवास योजना को धरातल पर उतारने के लिए सरकारें कृत संकल्पित रहती हैं, लेकिन उमरिया जिले में पात्र हितग्राहियों के साथ साथ मर चुके लोगों को भी आवास से वंचित नहीं किया गया, उनके नाम से जारी राशि निकाल ली
उमरिया में पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार के खेल उजागर हुआ है, यहाँ राशि जारी करने के लिए किसी ने रिश्वत नहीं मांगी बल्कि पूरा सिस्टम डिजिटल होने के बाद भी पंचायत के जिम्मेदारों ने सरकार से राशि निकालकर मृत व्यक्ति का आवास कम्पलीट करा दिया, और दूसरे को आवंटित कर दिया जबकि मृतक के परिजनों को इसकी जरुरत है वह आज भी कागज लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, इतना ही नहीं शिकायत करने पर मृतक के बेटे को धमकी मिल रही है हालांकि इस मामले में प्रभारी मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सरपंच और सचिव ने पूरे डिजिटल सिस्टम दिखाया ठेंगा
ये मामला उमरिया जिले के मानपुर जनपद के ग्राम पंचायत कुदरी का है जहां सात साल पहले मृत हो चुके व्यक्ति को आवास मिला, उसकी राशि भी निकाली गई और मकान भी बनाया, अब जब मृतक के बेटे ने इस मामले की शिकायत की तो पता चला कि आवास बन चुका है, पंचायत के सरपंच और सचिव ने जिला प्रशासन के पूरे डिजिटल सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुए यह कारनामा कर दिखाया है।
शिकायत वापस लेने का दबाव, बेटे को मिल रही धमकी
आज जहां जिन्दा व्यक्ति हाथों पर कागज लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे है वहीं डिजिटल सिस्टम के बावजूद सरकारी मुलाजिम मरे हुए लोगों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास बनवा रहे हैं। इस मामले में मृतक के परिजनों ने सरपंच सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, बेटे हुकुमचंद विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने, पंचायत, कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई उल्टा उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दी जा रही है। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री नागर सिंह चौहान ने पूरे मामले की जांच करवाकर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





