हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सियासत गरमा गई है। दिल्ली से लौटने के बाद शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत को नजरअंदाज किया गया, तो इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह मुद्दा दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के समक्ष भी उठाया है।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी खुद राहुल गांधी ने वीरभद्र सिंह की लोकप्रियता और पार्टी में उनके योगदान को देखते हुए सौंपी थी। उन्होंने कहा कि जब नगर निगम और विधानसभा चुनाव नजदीक थे, तब उन्होंने पार्टी को एकजुट करने का प्रयास किया और पार्टी प्रभारी के कहने पर दुर्गम क्षेत्रों में प्रचार भी किया, जिसके अच्छे परिणाम मिले।
हाईकमान ने सुनी प्रतिभा सिंह बात
पार्टी अध्यक्ष को लेकर चर्चा पर प्रतिभा सिंह ने कहा कि हाईकमान ने उनकी बात सुनी है और उन्हें भरोसा है कि जल्द ही संगठनात्मक नियुक्ति का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मजबूत और जनाधार वाला नेता होना चाहिए, न कि सिर्फ नाम मात्र का रबर स्टाम्प। उन्होंने यह भी बताया कि सभी मंत्री भी राहुल गांधी के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं, जिस पर राहुल ने चिंता जताई और स्थिति सुधारने की बात कही।
अब तक कोई ठोस कदम नहीं
प्रतिभा सिंह ने संगठन के गठन में हो रही देरी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नजदीक हैं लेकिन संगठन अब तक नहीं बन पाया है, जिससे पार्टी की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं की नियुक्तियों को लेकर भी वह कई बार मुख्यमंत्री और पार्टी प्रभारी से बात कर चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।





