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Sun, Dec 21, 2025

Culture: मुस्लिम महिलाएं क्यों पहनती हैं काला बुरका, जानें इसके कई धार्मिक और सामाजिक महत्त्व

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Culture: मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्के का रंग अक्सर काला होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों? इसके पीछे कई धार्मिक और सामाजिक कारण होते हैं।
Culture: मुस्लिम महिलाएं क्यों पहनती हैं काला बुरका, जानें इसके कई धार्मिक और सामाजिक महत्त्व

Culture: आपने अक्सर कई मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहने जरूर देखा होगा, और आपके मन में यह सवाल भी कभी ना कभी जरूर आया होगा कि आखिर बुर्का का कलर काला ही क्यों होता है कोई और कलर बुर्के में क्यों नहीं होता है। बुर्का एक इस प्रकार का वस्त्र होता है जो सर से पैर तक महिलाओं को पूरी तरह ढकता है। इस वस्त्र को पहनने के बाद आंखों के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता है। आज हम खास तौर पर इस लेख में बताएंगे कि आखिर मुस्लिम महिलाएं बुर्का क्यों पहनती हैं और बुर्के का रंग सिर्फ काला ही क्यों होता है।

मुस्लिम महिलाएं क्यों पहनती हैं बुर्का

पुरुषों के लिए कुरान में पुरुषों को अपनी नाभि से लेकर घुटनों तक के शरीर के हिस्से को ढकने का निर्देश दिया गया है। मुस्लिम समाज के लोग ढीले ढाले कपड़े पहनते हैं पुरुष कमीज और पायजामा पहनते हैं। वही कुरान में महिलाओं के लिए पूरे शरीर यानी सर से पैर तक ढकने का निर्देश दिया गया है, इसके अलावा कुछ महिलाएं हिजाब भी पहनती हैं जिसमें सिर्फ चेहरा ढका रहता है बाकी हाथ नहीं ढके रहते।

कुछ मुस्लिम महिलाएं मानती हैं कि बुर्का पहनना उन्हें पुरुषों की नजरों से बचाकर उनकी पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है। कुरान में महिलाओं को “अपनी शोभा छिपाने” के लिए कहा गया है, जिसे कुछ महिलाएं बुर्का पहनने से जोड़ती हैं। कुछ महिलाएं इसे ईश्वर और उनके पति के प्रति आज्ञाकारिता का प्रतीक मानती हैं। कुछ समाजों में, बुर्का महिलाओं की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक हो सकता है। कुछ महिलाएं उत्पीड़न या हिंसा से बचने के लिए बुर्का पहनती हैं।कुछ संस्कृतियों में, इसे विनम्रता और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

जानें कई धार्मिक और सामाजिक कारण

धार्मिक कारण

इस्लाम में, हिजाब एक अनिवार्य धार्मिक आदेश है जो महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपने शरीर के कुछ हिस्सों, आमतौर पर चेहरे, बालों और शरीर को ढंकने का निर्देश देता है। काला रंग अक्सर विनम्रता और धार्मिकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए कुछ महिलाएं इसे हिजाब के लिए पसंदीदा रंग के रूप में चुन सकती हैं। कुछ मुस्लिम समुदायों में, महिलाओं द्वारा काले रंग का बुर्का पहनना एक लंबी स्थापित परंपरा रही है। यह विनम्रता और सम्मान का प्रतीक हो सकता है, और यह सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हो सकता है।

सामाजिक कारण

कुछ मुस्लिम महिलाएं काले रंग का बुर्का पहनकर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान व्यक्त करती हैं। यह उन्हें बहुसंख्यक समुदाय से अलग करने और अपनी विरासत से जुड़ने का एक तरीका हो सकता है। कुछ महिलाएं उत्पीड़न या हिंसा से बचने के लिए बुर्का पहनती हैं। काला रंग कम ध्यान आकर्षित कर सकता है और उन्हें अवांछित पुरुष दृष्टि से बचा सकता है। कुछ महिलाएं बुर्का को गोपनीयता की भावना प्रदान करने का एक तरीका मानती हैं। यह उन्हें अपने शरीर और अपनी उपस्थिति को नियंत्रित करने की अनुमति देता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)