आज का दिन खास है। आज साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात है। रविवार को सूरज जल्दी ढल जाएगा और रात ज्यादा देर तक रहेगी। यह बात सुनकर कई लोग हैरान होते हैं कि ऐसा क्यों होता है। लेकिन इसके पीछे एक आसान और रोचक वैज्ञानिक कारण है। हम अक्सर देखते हैं कि कभी दिन बड़े होते हैं और कभी रातें। यह सब अचानक नहीं होता। बल्कि यह पृथ्वी और सूर्य की एक खास स्थिति की वजह से होता है। आज का दिन उसी वजह से सबसे अलग माना जाता है। आइए इसे बहुत आसान भाषा में समझते हैं।
आज क्यों है साल का सबसे छोटा दिन
आज 21 दिसंबर है। इस दिन को विज्ञान की भाषा में विंटर सोल्स्टिस कहा जाता है। इस दिन सूरज आसमान में सबसे नीचे दिखाई देता है। इसी कारण दिन छोटा और रात लंबी हो जाती है। हम जिस धरती पर रहते हैं, वह गोल है। धरती सूरज के चारों ओर घूमती रहती है। लेकिन धरती सीधी नहीं घूमती। वह थोड़ी झुकी हुई है। यही झुकाव दिन और रात की लंबाई को बदलता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसका मतलब है कि धरती हल्की-सी तिरछी है। जब धरती सूरज की परिक्रमा करती है, तब कभी उसका ऊपरी हिस्सा सूरज की ओर ज्यादा झुका होता है और कभी कम। 21 दिसंबर को धरती का उत्तरी हिस्सा सूरज से सबसे ज्यादा दूर होता है। भारत उत्तरी गोलार्द्ध में आता है। इसलिए आज भारत में सूरज की रोशनी कम समय के लिए मिलती है।
सूरज की किरणें तिरछी क्यों पड़ती हैं
आज के दिन सूरज की किरणें सीधे नहीं पड़तीं। वे तिरछी होकर धरती पर आती हैं। जब किरणें तिरछी होती हैं, तब गर्मी और रोशनी दोनों कम मिलती हैं। इसी कारण सर्दी ज्यादा महसूस होती है। साथ ही दिन जल्दी खत्म हो जाता है। इसलिए आज का दिन साल का सबसे छोटा दिन माना जाता है।
आज कितने बजे होती है यह खास स्थिति
यह खास स्थिति भारतीय समय के अनुसार रात 8 बजकर 33 मिनट पर बनती है। इस समय के बाद सूर्य अपनी दिशा बदलना शुरू करता है। इसके बाद सूर्य धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है। इसी बदलाव को उत्तरायण कहा जाता है। आज के बाद एक अच्छी खबर भी है। 21 दिसंबर के बाद दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे। रातें छोटी होने लगेंगी। यह बदलाव धीरे-धीरे होता है, इसलिए हमें रोज थोड़ा-सा फर्क दिखेगा। यानि अब हर दिन सूरज थोड़ा देर से ढलेगा। बच्चों के खेलने का समय बढ़ेगा। सुबह की रोशनी भी धीरे-धीरे ज्यादा समय तक रहेगी।
हर जगह दिन की लंबाई एक जैसी क्यों नहीं होती
आज का छोटा दिन हर शहर में अलग-अलग समय का होता है। इसका कारण है धरती का गोल होना। जो जगह जितनी उत्तर की ओर होती है, वहां दिन उतना ही छोटा होता है। मध्य प्रदेश के शहरों में आज दिन करीब 10 घंटे 44 मिनट का रहेगा। उत्तर भारत के शहरों में दिन इससे भी छोटा होगा। वहीं दक्षिण भारत में दिन थोड़ा लंबा रहेगा।
उत्तर और दक्षिण भारत में फर्क क्यों
उत्तर भारत धरती के ऊपरी हिस्से में आता है। इसलिए वहां सूरज की रोशनी कम समय तक मिलती है। दक्षिण भारत भूमध्य रेखा के पास है। इसलिए वहां सूरज की रोशनी ज्यादा समय तक रहती है। इसी कारण केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में दिन उतना छोटा नहीं होता, जितना उत्तर भारत में होता है।





