फिल्में केवल एंटरटेनमेंट के लिए नहीं होती, बल्कि इंसान इससे बहुत कुछ सीखना भी है। कुछ फिल्में लोगों की सच्ची घटनाओं पर आधारित होती हैं, तो कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो की फिक्शंस होती हैं। अधिकांश फिल्में समाज में चल रही चीजों पर ही बनाई जाती हैं। इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक सुपरस्टार्स का योगदान रहा है, जिन्होंने अपने जीवन में उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज हम आपको एक ऐसे इंसान का किस्सा बताएंगे, जिसकी किस्मत फिल्मों में काम करके नहीं, बल्कि इसे देखकर बदल गई।
वह इंसान आज अमीरों की जिंदगी जी रहा है, एक समय था जब वह अधूरी पढ़ाई के बोझ तले दबा था। गरीबों की दलदल ने उसे इस कदर जकड़ रखा था कि कोई अच्छी कंपनी उसे काम देने को भी तैयार नहीं थी।
राजा नायक
इस दुनिया में कब किसके साथ क्या हो जाए, यह कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ हुआ राजा नायक के साथ, जिसने बिना किसी सपोर्ट के 100 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया। इसके लिए उसने कोई चोरी डकैती नहीं की, बल्कि फिल्म देखकर उसने अपनी किस्मत बदल ली। राजा के लिए 3 घंटे की फिल्म एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि लाइफ चेंज मोमेंट साबित हुआ। छोटे से गांव से निकलकर इस लड़के ने करोड़ों की दौलत बनाई और आज यह कई कंपनियों का मालिक भी है।
फिल्म त्रिशूल ने बदली किस्मत
दरअसल, राजा नायक ने अमिताभ बच्चन की फिल्म त्रिशूल देखी, जिसने उनकी सोच बदल दी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि अमिताभ ने गरीबी से जूझते हुए खुद को जीरो से हीरो बनाया। इस फिल्म में वह रियल स्टेट के किंग बने थे। इसी प्रेरणा को लेकर नायक भी अपनी मंजिल खुद तलाशते हुए मुंबई चले गए। आज उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी है। वह एमसीएस लॉजिस्टिक्स, अक्षय एंटरप्राइजेज, जला बेवरेजेज, पर्पल हेज वेलनेस स्पेस और न्यूट्री प्लैनेट समेत दर्जनों कंपनियों के मालिक हैं।
गरीब परिवार में हुआ जन्म
गरीब परिवार में जन्मे राजा ने बहुत ही ज्यादा आर्थिक तंगी झेली है। 15 साल की उम्र में ही उन्हें अपने परिवार की हालत का अंदाजा लग गया था। ना चाहते हुए भी उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। 17 साल की उम्र तक उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था, ताकि वह कुछ काम कर सके और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। राजा को फिल्में देखने का बहुत शौक था और इसी ने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी।
किया संघर्ष
फिल्म से प्रेरित होकर सफर की शुरुआत करने वाले राजा नायक को सफलता इतनी आसानी से हाथ नहीं लगी। बल्कि वह निराश होकर अपने घर बेंगलुरु लौट गए थे। उन्होंने अपनी हिम्मत को नहीं हारा और मन से थोड़े पैसे उधार लेकर तमिलनाडु के तिरुप्पुर से सस्ती शर्ट खरीदी और उसे फुटपाथ पर बेचने लगे। पहले दिन ही राजा ने 5000 का मुनाफा कमाया। इस तरह वह पूरी मार्केट स्ट्रेटजी को समझ गए और उन्होंने सही जगह पर सही तरीके से काम किया। धीरे-धीरे उनका धंधा बढ़ता गया और यह कंपनी में तब्दील हो गया। देखते ही देखते उनका कारोबार 100 करोड़ के टर्नओवर पर पहुंच गया।





