Wed, Dec 24, 2025

Indore : आज 10 हजार से ज्यादा चिकित्सक काली पट्टी बांध कर करेंगे काम, ये है वजह

Written by:Ayushi Jain
Published:
Indore : आज 10 हजार से ज्यादा चिकित्सक काली पट्टी बांध कर करेंगे काम, ये है वजह

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Indore : मध्य प्रदेश राज्य शासकीय चिकित्सा महासंघ के द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। दरअसल उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। इस वजह से वह लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के करीब 10,000 से ज्यादा चिकित्सक काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वह हड़ताल पर चले जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक, बीते दिन यानी मंगलवार को इंदौर के एमजीएम कॉलेज स्थित पीसीएम हॉल में डॉक्टर और विद्यार्थियों की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें यह तय किया गया कि आज यानी बुधवार के दिन सभी चिकित्सक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसको लेकर अध्यक्ष अरविंद घनघोरिया द्वारा बताया गया है कि केंद्र सरकार की डीएससीपी ज्ञानी डायनेमिक एसक्यूएल करियर प्रोग्रेशन के चलते हर 4 साल में सरकारी डॉक्टरों का प्रमोशन किया जाता है।

लेकिन मध्यप्रदेश के डॉक्टरों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जिस वजह से वह लगातार मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों की मांग है कि मध्यप्रदेश में भी डीएसीपी लागू की जाना चाहिए ताकि उन्हें भी प्रमोशन मिलना शुरू हो सके। इससे गांव में भी डॉक्टरों की किल्लत खत्म हो जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के करीब 10,000 से ज्यादा चिकित्सकों द्वारा 32 मांगे सरकार से की जा रही है जो सरकार को बताई भी जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी इस मामले को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, ना ही कोई एक्शन लिया जा रहा है। ऐसे में अगर 2 मई तक चिकित्सकों की मांग को पूरा नहीं किया गया तो उनके द्वारा स्ट्राइक की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले 17 फरवरी के दिन शासकीय चिकित्सकों द्वारा आंदोलन किया गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 महीने का समय दिया था। इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया। चिकित्सकों से जो रिपोर्ट मांगी गई थी।

वह भी उनके द्वारा दे दी गई लेकिन मुझ पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। जिसके बाद से चिकित्सक काफी ज्यादा नाराज हैं। बीते 2 महीने से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में अब तक कोई भी फायदा देखने को नहीं मिला। अगर जल्द ही चिकित्सकों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो शासकीय सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा। जिसकी वजह से मरीजों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।