Fri, Dec 26, 2025

पंडित जवाहर लाल नेहरू भी थे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के मुरीद, जयंती पर जानें उनके अनसुने किस्से

Written by:Diksha Bhanupriy
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती है। इस मौके पर चलिए हम आपको उनके कुछ अनसुने किस्से सुनाते हैं।
पंडित जवाहर लाल नेहरू भी थे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के मुरीद, जयंती पर जानें उनके अनसुने किस्से

देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की आज जयंती है। 25 दिसंबर 1924 को जन्मे अटल एक मंझे हुए राजनेता थे और देश की राजनीति में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता। वह एक ऐसे नेता थे जिन्हें विपक्ष और आलोचकों से भी तारीफ मिलती थी। अपनी वाकपटुता के लिए पहचाने जाने वाले अटल अपने पीछे राजनीति का स्वर्णिम इतिहास छोड़कर गए हैं।

आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू खुद उनके मुरीद थे। आज उनकी जयंती के खास मौके पर हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। चलिए आज हम आपको उनके कुछ ऐसे किस्से बताते हैं जो आपको उनके व्यक्तित्व से रूबरू करवाएंगे।

जवाहरलाल नेहरू भी थे मुरीद

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी अटल जी का भाषण सुनकर उनके मुरीद हो गए थे। तमाम ऐसे राजनेता थे जो उनकी भाषा शैली के कायल थे। 1957 में यूपी के बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नेहरू जी ने उन्हें एक ब्रिटिश राजनेता से मिलवाया और कहा कि यह युवा एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। अपने भाषण के दौरान अटल जी कई बार सरकार की नीतियों का विरोध करते थे। इसके बावजूद भी नेहरू कभी नाराज नहीं हुए क्योंकि उनका कहना था कि यह विरोध करते हैं लेकिन इनमें मैं काफी संभावनाएं देखता हूं।

जब दहेज में मांगा पाकिस्तान

प्रधानमंत्री के पद पर रहने के दौरान अटल जी ने पाकिस्तान और भारत के रिश्ते सुधारने की काफी कोशिश की। उन्होंने एक बस यात्रा शुरू की थी और खुद भी इसमें सवार होकर पाकिस्तान पहुंचे थे। यहां पर एक महिला पत्रकार ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया और कहा कि मुंह दिखाई में उसे कश्मीर चाहिए। इसका जवाब देते हुए अटल जी ने कहा कि मैं शादी के लिए तैयार हूं लेकिन मुझे दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए। उनका यह जवाब सुन वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान हो गया था।

पीएम मोदी ने किया याद

आज अटल जी की जयंती के मौके पर हर कोई उन्हें याद करता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट X से ट्वीट करते हुए लिखा आदरणीय अटल जी की जन्म जयंती हम सबको उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर देती है। उनका आचरण, शालीनता, वैचारिक दृढ़ता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना भारतीय राजनीति के लिए एक आदर्श मानक है। उन्होंने यह सिद्ध किया है की श्रेष्ठता पद से नहीं बल्कि आचरण से आती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक सुभाषित साझा किया है। संस्कृत के इस सुभाषित का अर्थ है कि “श्रेष्ठ व्यक्ति जिस तरह का आचरण करता है सामान्य लोग उसी का अनुकरण करते हैं अर्थात नेता या आदर्श व्यक्ति का व्यवहार समाज और अनुयायियों के लिए मार्गदर्शक बनता है।”