हम सभी जानते हैं कि घर का दिल किचन होता है। यहीं से पूरे परिवार का भोजन तैयार होता है और इसी जगह की ऊर्जा पूरे घर में फैलती है। वास्तु शास्त्र में रसोई को बहुत पवित्र माना गया है, क्योंकि यहां अग्नि तत्व का वास होता है।
हम अक्सर छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे मसालों को कैसे और कहां रखा जाए। लेकिन वास्तु के अनुसार यही छोटी बातें आगे चलकर घर में तनाव, बहस और अशांति की वजह बन सकती हैं। खासतौर पर नमक और हल्दी को लेकर वास्तु में सख्त नियम बताए गए हैं, जिन्हें जानना हर गृहिणी और परिवार के लिए जरूरी है।
वास्तु शास्त्र में किचन का महत्व
वास्तु शास्त्र में किचन को अन्न और ऊर्जा का केंद्र माना गया है। माना जाता है कि जिस घर की रसोई सही दिशा और सही व्यवस्था में होती है, वहां कभी भोजन की कमी नहीं होती और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। किचन में रखी हर चीज चूल्हा, गैस, पानी, मसाले सबका अपना अलग महत्व होता है। अगर इन चीजों का संतुलन बिगड़ जाए, तो घर की सकारात्मक ऊर्जा भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। इसी संतुलन में नमक और हल्दी का स्थान बेहद अहम माना गया है।
नमक और हल्दी
नमक और हल्दी दोनों ही हर भारतीय किचन का अहम हिस्सा हैं। बिना नमक के खाना फीका लगता है और बिना हल्दी के भोजन अधूरा माना जाता है। लेकिन वास्तु शास्त्र कहता है कि इन दोनों को एक साथ या एक ही डिब्बे में रखना अशुभ हो सकता है। नमक का संबंध स्वाद और भावनाओं से है, जबकि हल्दी को शुद्धता और शुभता का प्रतीक माना गया है। हल्दी का उपयोग पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है। जब इन दोनों की ऊर्जा एक-दूसरे से टकराती है, तो टकराव की स्थिति बन सकती है, जिसका असर सीधे घर के माहौल पर पड़ता है।
नमक का वास्तु और ज्योतिष से संबंध
ज्योतिष के अनुसार, नमक का संबंध चंद्र और शुक्र ग्रह से बताया जाता है। चंद्र मन और भावनाओं का कारक है, जबकि शुक्र सुख, प्रेम और भोग-विलास से जुड़ा ग्रह है। अगर किचन में नमक सही जगह पर न रखा जाए या गलत तरीके से रखा जाए, तो व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और बेचैनी बढ़ सकती है। कई बार बिना वजह घर में बहस होने लगती है। इसलिए वास्तु शास्त्र में नमक को हमेशा साफ, ढके हुए डिब्बे में और अलग स्थान पर रखने की सलाह दी जाती है।
हल्दी का धार्मिक और वास्तु महत्व
हल्दी को भारतीय संस्कृति में बेहद पवित्र माना गया है। विवाह से लेकर पूजा-पाठ तक हर शुभ कार्य में हल्दी का इस्तेमाल होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हल्दी का संबंध भगवान गणेश से जोड़ा जाता है, जो विघ्नहर्ता माने जाते हैं। हल्दी सकारात्मक ऊर्जा, शुभता और शुद्धता का प्रतीक है। यही कारण है कि इसे सम्मान के साथ रखना जरूरी बताया गया है। अगर हल्दी को लापरवाही से या गलत चीजों के साथ रखा जाए, तो उसकी सकारात्मक शक्ति कमजोर हो सकती है।
हल्दी और नमक एक साथ रखने से क्या होता है?
वास्तु मान्यताओं के अनुसार, अगर किचन में हल्दी और नमक को एक ही डिब्बे में या एक ही शेल्फ पर रखा जाए, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देता है। घर के सदस्यों के बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगते हैं। मन अशांत रहता है, काम में मन नहीं लगता और फैसले लेने में उलझन बनी रहती है। कई लोगों का अनुभव है कि ऐसी स्थिति में घर का माहौल भारी और तनावपूर्ण महसूस होने लगता है।
घर के रिश्तों पर पड़ता है असर
जब किचन की ऊर्जा बिगड़ती है, तो उसका असर सीधे रिश्तों पर पड़ता है। पति-पत्नी के बीच अनबन, बच्चों का चिड़चिड़ापन और बुजुर्गों की बेचैनी बढ़ सकती है। वास्तु शास्त्र मानता है कि भोजन के साथ ऊर्जा भी शरीर में जाती है। अगर भोजन बनने की जगह में नकारात्मकता हो, तो वही नकारात्मकता परिवार के व्यवहार में झलकने लगती है। यही कारण है कि नमक और हल्दी को अलग-अलग रखना इतना जरूरी बताया गया है।
नमक और हल्दी कैसे रखें
वास्तु के अनुसार, नमक को हमेशा ढक्कन वाले डिब्बे में रखना चाहिए। डिब्बा साफ हो और समय-समय पर नमक बदला जाए। नमक को जमीन पर या खुले में रखने से बचना चाहिए। हल्दी को किसी साफ, अलग डिब्बे में रखें और कोशिश करें कि उसे पूजा से जुड़ी चीजों के पास न रखें, लेकिन सम्मानजनक स्थान जरूर दें। हल्दी और नमक के बीच थोड़ी दूरी होना वास्तु के लिहाज से शुभ माना जाता है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





