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Sat, Dec 20, 2025

AAP सांसद संजय सिंह ने लगाए ‘तिरंगा घोटाले’ के आरोप, कार्रवाई की मांग, CM से जवाब देने को कहा

Written by:Vijay Choudhary
Published:
AAP सांसद संजय सिंह ने लगाए ‘तिरंगा घोटाले’ के आरोप, कार्रवाई की मांग, CM से जवाब देने को कहा

sanjay singh

 

जब देश का तिरंगा गर्व का प्रतीक बन कर चलता हो, लेकिन उसी तिरंगे की कथित खरीद में भ्रष्टाचार की बात सुनने से लोकतंत्र की आत्मा कांप उठती है। दिल्ली के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में कथित भ्रष्टाचार का आरोप AAP सांसद संजय सिंह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर लगाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जवाबदेही जरूरी हैऔर उन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी की भी मांग की है।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से सवाल किया, क्या वे इस घोटाले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करेंगी? उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता इस मामले में जवाब चाहती है और सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि सच सामने आए। AAP की ओर से यह भी संकेत दिया गया है कि यदि सार्वजनिक स्तर से जवाब नहीं मिलता, तो तकनीकी और कानूनी रास्ते भी अपनाए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला?

AAP सांसद संजय सिंह ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के दौरान तिरंगा खरीद में भारी अनियमितता हुई है। उन्होंने दावा किया कि इस योजना के तहत वितरण किए गए तिरंगे गुणवत्ता में कमतर थे और इसमे करोड़ों रुपये की गड़बड़ी हुई है। AAP का कहना है कि यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि मूल्यहीनता के नाम पर जनादेश का अपमान है।

सरकार और BJP का पलटवार

दिल्ली सरकार या बीजेपी का इस मामले पर कोई सीधे तौर पर जवाब अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि BJP प्रवक्ता ने AAP के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति द्वारा प्रेरित बताया। उनका कहना है कि सुपारी तुल्य प्रचार अभियान में ये आरोप राजनीति के लिए रोमांचक सामग्री भर हैं, हकीकत नहीं। यह आरोप दिल्ली में पिछले वर्षों में होने वाले राजनीतिक नैतिक संकटों के संदर्भ में सामने आए हैं। पहले भी AAP पर CAG रिपोर्ट और शिक्षा स्कैम जैसे आरोप लगे थे।

पुराने विवादों का एक और हिस्सा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में AAP के इन मामलों को उजागर करने की बात कही थी। ऐसे में यह तिरंगा घोटाला नया मामला नहीं, बल्कि पुराने विवादों का एक और हिस्सा बनता नजर आ रहा है। AAP सांसद की मांग सीधे कानूनी कार्रवाई तक जा सकती है—उनके पास सबूत लेकर ACB या CBI जैसे एजेंसियों से जांच कराई जा सकती है। वहीं, सरकार की प्रतिक्रिया और कोर्ट की निगरानी यह तय करेगी कि मामला बिरादरी की राजनीति से आगे जाकर वास्तविक न्याय प्रक्रिया बनता है या कुछ और ही मोड़ लेता है।