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Sat, Dec 20, 2025

“मृत लोगों के साथ कभी नहीं पिया चाय”- राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर तंज, बिहार के ‘मृत घोषित’ मतदाताओं से की मुलाकात

Written by:Vijay Choudhary
Published:
राहुल गांधी ने बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव आयोग इस डेटा को सार्वजनिक नहीं करना चाहता। "अगर वे ये डेटा दे देंगे, तो पूरा गेम उनका खत्म हो जाएगा।" उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘वोट चोरी’ की एक बड़ी साजिश है, जिसमें लाखों वैध मतदाताओं के अधिकार छीन लिए गए हैं।
“मृत लोगों के साथ कभी नहीं पिया चाय”- राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर तंज, बिहार के ‘मृत घोषित’ मतदाताओं से की मुलाकात

राहुल गांधी और वोटर

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 13 अगस्त को अपने आधिकारिक आवास पर बिहार से आए कुछ खास मेहमानों से मुलाकात की। ये मेहमान थे, ऐसे लोग जिन्हें वोटर लिस्ट में ‘मृत’ घोषित कर दिया गया है, जबकि वे पूरी तरह जीवित हैं। राहुल गांधी ने मुलाकात का वीडियो अपने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा- “जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन कभी मृत लोगों के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला। इस अनोखे अनुभव के लिए, धन्यवाद चुनाव आयोग।” इस टिप्पणी के जरिए राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार दोनों पर तंज कसा। उन्होंने इस बैठक को ‘चुनावी गड़बड़ी’ का जीता-जागता सबूत बताया।

बिहार से आए ‘मृत घोषित’ मतदाता

वीडियो में राहुल गांधी ग्रामीण और साधारण कपड़ों में आए कुछ लोगों के साथ बैठे दिखते हैं। बातचीत के दौरान राहुल उनसे पूछते हैं- “सुना है आप जिंदा ही नहीं हैं, आपको पता कैसे चला?” इस पर एक शख्स जवाब देता है- “जिंदा रहते हुए भी हमें मृत घोषित कर दिया गया है। वोटर लिस्ट चेक करने पर पता चला कि हमारा नाम हटाया गया है।” राहुल गांधी ने फिर हल्के-फुल्के अंदाज में कहा-“मतलब चुनाव आयोग ने आपको मार दिया।” इसके बाद उन्होंने सवाल किया कि उनके जैसे कितने लोग होंगे। जवाब मिला- “एक पंचायत में कम से कम 50 लोग ऐसे हैं। हम अभी 3-4 पोलिंग बूथ से आए हैं, कई लोग यहां तक पहुंच नहीं पाए।”

राघोपुर और 65 लाख कटे नामों का मुद्दा

इन लोगों ने राहुल गांधी को बताया कि वे बिहार के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, जो तेजस्वी यादव की सीट है। उन्होंने दावा किया कि उनके अलावा हजारों लोगों को भी वोटर लिस्ट में मृत घोषित कर दिया गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। एक महिला ने राहुल गांधी को बताया कि वह इसी मुद्दे पर 6 घंटे तक सुप्रीम कोर्ट में खड़ी रही हैं, ताकि न्याय मिल सके। इन मतदाताओं ने यह भी कहा-“हमारी मांग है कि चुनाव आयोग यह बताए कि बिहार में जिन 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए, उनकी जानकारी सार्वजनिक की जाए। इसके अलावा 36 लाख लोग जो ‘शिफ्ट’ बताए गए हैं, उनकी पहचान बताई जाए।”

राहुल गांधी का आरोप

राहुल गांधी ने बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव आयोग इस डेटा को सार्वजनिक नहीं करना चाहता। “अगर वे ये डेटा दे देंगे, तो पूरा गेम उनका खत्म हो जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘वोट चोरी’ की एक बड़ी साजिश है, जिसमें लाखों वैध मतदाताओं के अधिकार छीन लिए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यह केवल बिहार का मुद्दा नहीं है, बल्कि देशभर में इस तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं। उन्होंने विपक्षी दलों और नागरिक समाज से अपील की कि वे इस मामले में आवाज उठाएं, क्योंकि यह लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे पर हमला है।

राहुल गांधी की यह ‘मृत लोगों के साथ चाय’ वाली मुलाकात राजनीतिक और सोशल मीडिया दोनों जगह चर्चा में है। कांग्रेस इसे चुनावी धांधली का सबूत बता रही है, जबकि चुनाव आयोग की ओर से इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। बिहार के इन मतदाताओं का कहना है कि अगर न्याय नहीं मिला तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर सड़कों तक गूंज सकता है।