इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया अब लोकसभा में शुरू होने जा रही है। मार्च में उनके घर भारी मात्रा में जली हुई नकदी मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एक विशेष समिति का गठन करेंगे, जो इस मामले की जांच करेगी। अगर समिति को जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोप सही लगते हैं तो वह महाभियोग की सिफारिश करेगी।
विपक्ष का पुराना प्रस्ताव रद्द, अब केंद्र करेगा अगुवाई
इससे पहले विपक्ष की ओर से राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था, जिसे तत्कालीन सभापति और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वीकार कर लिया था। लेकिन वह प्रस्ताव कभी सदन में औपचारिक रूप से पेश नहीं हो सका। अब सरकार ने उसे रद्द करने का फैसला लिया है और खुद इस प्रक्रिया की कमान संभाली है। भाजपा चाहती है कि इस गंभीर मामले की अगुवाई वह खुद करे ताकि कोई राजनीतिक लाभ विपक्ष न ले सके।
भाजपा ने पहले से बनाई थी रणनीति, विपक्ष से भी मांगा समर्थन
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले ही जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग का मसौदा तैयार कर लिया था। इसके लिए पार्टी ने कुछ विपक्षी दलों से भी समर्थन मांगा और कई सांसदों से प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कराए। पार्टी अब इस कार्रवाई को “भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम” के रूप में पेश करना चाहती है, जिससे वह आने वाले विधानसभा चुनावों में जनता के सामने साफ-सुथरी छवि रख सके।
एंटी-करप्शन की छवि वापस पाना चाहती है सरकार
सरकार ने हाल ही में एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान की छवि को वापस पाना जरूरी है। भाजपा का मानना है कि बिहार, बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में उसकी छवि को लेकर जनता के बीच मजबूत संदेश जाना चाहिए कि सरकार न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई कर रही है। हालांकि, जगदीप धनखड़ के पहले फैसले से सरकार को रणनीतिक झटका लगा था। अगर उन्होंने सरकार को पहले जानकारी दे दी होती, तो भाजपा के सांसद प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर देते और पूरी प्रक्रिया सरकार के नियंत्रण में रहती।
अगस्त के अंत तक मिलेगा नया उपराष्ट्रपति
पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब चुनाव आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संभावना है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह तक भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर संसद में पूरी तरह से आगे बढ़ेगी।





