दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए जीएसटी संशोधन बिल 2025 को लेकर आम आदमी पार्टी ने तीखी आपत्ति जताई। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि यह बिल व्यापारियों के लिए भारी चिंता का विषय है। जैसे ही यह बिल सदन में रखा गया, व्यापारियों के फोन आम आदमी पार्टी के विधायकों को आने लगे। कई व्यापारी उनसे मिलने भी पहुंचे और अपनी परेशानियां बताईं। आतिशी ने कहा कि यह बिल सरकार को किसी भी व्यापारी से किसी भी फॉर्मेट में दस्तावेज़ मांगने का अधिकार देता है, जो व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान करने वाला है।
बीजेपी के ‘खास दोस्तों’ को छूट, आम व्यापारियों पर बोझ
आतिशी ने आरोप लगाया कि यह बिल बीजेपी के खास पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ आम व्यापारियों से सख्त नियमों के तहत दस्तावेज़ मांगे जाएंगे, तो दूसरी तरफ विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में टैक्स छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा, “देश के सबसे बड़े SEZ बीजेपी के खास दोस्तों के हैं। उन्हें तो सरकार राहत दे रही है और दिल्ली के व्यापारी वर्ग को नियमों में उलझाया जा रहा है।” उन्होंने इसे पूरी तरह पक्षपाती बताया और सदन में बिल का विरोध किया।
संशोधन से बदलेगी इनपुट टैक्स और इवॉयस प्रक्रिया
सदन में आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से सीधे सवाल किया कि जीएसटी संशोधन बिल 2025 के सेक्शन 16 में जो बदलाव किया गया है, वह किस उद्देश्य से लाया गया है? उन्होंने बताया कि इस संशोधन से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और इवॉयस की प्रक्रिया में बदलाव होगा, जिससे व्यापारी उलझन में पड़ेंगे। बार-बार इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया बदलने से व्यापारियों को यह भी समझ नहीं आ रहा कि उन्हें कब, कहां और कैसे जीएसटी फाइल करना है।
रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा सीधा असर
आप नेता आतिशी ने बताया कि जीएसटी संशोधन बिल में एक और गंभीर मुद्दा है, जिसमें प्लांट एंड मशीनरी को लेकर सेक्शन 5 में बदलाव किया गया है। यह बदलाव दिखने में छोटा लगता है लेकिन इसका प्रभाव पूरे रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा। यह बिल 2017 से लागू किया जाएगा, जिससे बिल्डरों द्वारा उस समय इनपुट क्रेडिट के आधार पर तय की गई कीमतें अब गलत साबित होंगी। परिणामस्वरूप, जिन्होंने पहले फ्लैट खरीदे हैं, उनके घर की कीमत अब 1.5 गुना तक बढ़ सकती है। कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की कीमतों पर भी इसका असर पड़ेगा।





