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Thu, Dec 18, 2025

युवा वकीलों को लगातार सीखते रहने की सलाह, CJI के लिए नामित जस्टिस सूर्यकांत ने क्या कहा

Written by:Mini Pandey
Published:
जस्टिस कांत ने डॉ. राम मनोहर लोहिया का उदाहरण देते हुए कहा कि बौद्धिक निश्चितता सबसे खतरनाक आराम है और विकास के लिए सवाल पूछने का साहस जरूरी है।
युवा वकीलों को लगातार सीखते रहने की सलाह, CJI के लिए नामित जस्टिस सूर्यकांत ने क्या कहा

लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुख्य न्यायाधीश पद नामित जस्टिस सूर्य कांत ने युवा वकीलों को निरंतर सीखते रहने और बौद्धिक निश्चितता पर सवाल उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कानून की दुनिया में सफलता की कुंजी शुरुआती ज्ञान में नहीं, बल्कि जिज्ञासा बनाए रखने और असफलताओं से सीखने में है।

राम मनोहर लोहिया का उदाहरण

जस्टिस कांत ने डॉ. राम मनोहर लोहिया का उदाहरण देते हुए कहा कि बौद्धिक निश्चितता सबसे खतरनाक आराम है और विकास के लिए सवाल पूछने का साहस जरूरी हैउन्होंने अपनी असफलताओं का जिक्र करते हुए बताया कि हर बार शून्य से शुरू करना और हर मामले की गहराई से समीक्षा करना उनके जीवन का आधार बना।

CJI ने छात्रों को किया संबोधित

इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली ने भी छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तैयारी से बेहतर कुछ नहीं और अदालत में सबसे तैयार दिमाग का सम्मान होता है, न कि सबसे तेज आवाज का। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी समारोह में मौजूद रहे। जस्टिस कांत ने बताया कि यह इस साल का उनका छठा दीक्षांत संबोधन था और वे हर बार नया विषय चुनते हैं।