MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

इस बार इन ऐतिहासिक जगहों पर मनाएं आजादी का जश्न, 15 अगस्त को बनाएं यादगार

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
यहां आप अपनी फैमिली, पार्टनर और फ्रेंड्स के साथ जा सकते हैं और इस दिन को खुशनुमा और यादगार बना सकते हैं। तो बिना किसी सोच-विचार के इन पांच ऐतिहासिक इमारतों की सैर करें।
इस बार इन ऐतिहासिक जगहों पर मनाएं आजादी का जश्न, 15 अगस्त को बनाएं यादगार

15 अगस्त के दिन भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन हर वर्ग के लोगों में अलग ही उत्साह देखने को मिलता है, खासकर बच्चे बहुत ही ज्यादा खुश और एक्साइटेड नजर आते हैं। सभी सरकारी दफ्तर और स्कूलों में ध्वजारोहण किया जाता है। इसके अलावा देश के प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली स्थित लाल किले पर आन, बान, शान के साथ तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इस दौरान सभी बड़े राजनेता सहित मुख्य अतिथि मौजूद रहते हैं। कई शहरों में सुरक्षा के लिहाज से ट्रैफिक डायवर्सन किया जाता है, जिससे उक्त स्थान पर अधिक भीड़ न बने और सभी कार्यक्रम अच्छे तरीके से हो सकें।

इस दिन अक्सर लोग सुबह कुछ कार्यक्रम होने के बाद फ्री हो जाते हैं। ऐसे में यदि आप कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं, तो आज का आर्टिकल आपके लिए है।

बनाएं घूमने का प्लान

15 अगस्त के दिन आपको इन ऐतिहासिक इमारतों की सैर करनी चाहिए, जहां पत्थरों में आज भी भारत का इतिहास जिंदा है। यहां जाते ही आपके मन में देशभक्ति का जज्बा जाग उठेगा। इन स्थानों पर आप लाखों शहीद जवानों को याद कर सकते हैं, जिन्होंने अपनी जान देकर हमें आज़ादी दिलाई थी।

विक्टोरिया मेमोरियल

इस लिस्ट में आप कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल को शामिल कर सकते हैं, जो कि एक ऐसा स्मारक है, जो आपको गुलामी की याद दिलाता है। यहां आपको ब्रिटिश काल का भव्य नजारा देखने को मिलेगा। यहां की कला अपने आप में अद्भुत है। महारानी विक्टोरिया की याद में लॉर्ड कर्जन ने इसका निर्माण करवाया था। ब्रिटिश आर्किटेक्ट विलियम इमर्सन ने इसके डिजाइन को तैयार किया और यह साल 1921 में बनकर तैयार हुआ था। यह बिल्कुल महल जैसी लगती है। अंदर बड़ी सी गैलरी बनी हुई है, जहां पेंटिंग्स और हथियार रखे हुए हैं। इस स्मारक की खास बात यह है कि इसकी छत पर कांसे की विक्ट्री प्रतिमा लगी हुई है, जो हवा के साथ घूमती रहती है।

रानी की वाव

यदि आप गुजरात में रहते हैं और 15 अगस्त के दिन कहीं घूमने जाना चाहते हैं, तो आप रानी की वाव जा सकते हैं, जो आम बावड़ी नहीं है बल्कि बहुत भव्य है। इसे 11वीं शताब्दी में रानी उदयमति ने अपने पति राजा भीमदेव की याद में बनवाया था, जो कि 24 मीटर गहरी है। इस बावड़ी में सात स्तर हैं। इसमें जैसे-जैसे आप नीचे उतरेंगे, आपको लगेगा कि आप मंदिर की आत्मा में प्रवेश कर रहे हैं। यहां की नक्काशी देखने लायक है। दीवारों पर अप्सरा, योगिनी और भगवान विष्णु के 10 रूपों की मूर्तियां पत्थर पर बनाई गई हैं, जो कि देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगती हैं। इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का भी दर्जा दिया है।

सांची स्तूप

यदि आप मध्यप्रदेश में रहते हैं, तो आप सांची स्तूप जा सकते हैं, जो कि राजधानी से करीब 50 किलोमीटर दूर रायसेन जिले में स्थित है। यह स्मारक एक बौद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, जिसे तीसरी सदी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक ने बनवाया था। यहां आपको भारत का राष्ट्रीय प्रतीक भी देखने को मिलेगा।

हवा महल

वहीं, यदि आप राजस्थान में किसी ऐतिहासिक स्मारक की सैर करना चाहते हैं, तो आप हवा महल जा सकते हैं, जिसे 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। इसकी बनावट भगवान कृष्ण के मुकुट जैसी है, क्योंकि राजा कृष्ण भक्त थे। इस महल में 953 खिड़कियां हैं, जो कि बारीक और जालीदार हैं। दरअसल, इस महल को रानियों के लिए खास तौर पर बनाया गया था, क्योंकि वे हर आयोजन को सभा में उपस्थित होकर नहीं देख सकती थीं। उनके आनंद और मनोरंजन के लिए इस पांच मंजिला इमारत को गुप्त निरीक्षण की नीति से बनाया गया। यहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं, खास मौकों पर टूरिस्टों की संख्या बढ़ जाती है।

कोणार्क सूर्य मंदिर

इन सबसे हटकर यदि आप कुछ अलग एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आप उड़ीसा में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर जा सकते हैं, जो कि धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि समय, कला और विज्ञान का अद्भुत संगम है। इसे गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम ने 13वीं शताब्दी में बनवाया था। हालांकि, पौराणिक कथाएं कुछ और कहती हैं। उनके अनुसार इस मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के पुत्र सांब ने सूर्य देव की उपासना के लिए करवाया था। इतिहासकारों की माने तो इसे बनाने में करीब 1200 कारीगर लगे थे। आज भी यहां की मूर्तियां जीवंत प्रतीत होती हैं। इसमें 12 विशाल पहिए लगे हैं। इसके अलावा, यहां सन डायल यानी धूपघड़ी है, जो कि असली है। वहीं, हर पहिया दिन के अलग-अलग समय को दिखाता है।