नीमच जिले में नशे के बढ़ते कारोबार पर पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। सिटी पुलिस ने रजनीगंधा पाउच में एमडी ड्रग मिलाकर बेचने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है, खासकर इसलिए क्योंकि आरोपी कॉलेज और युवाओं के बीच इस खतरनाक नशे की सप्लाई कर रहे थे।
पुलिस कार्रवाई में 36 ग्राम एमडी ड्रग, रजनीगंधा के पाउच, एक मोटर साइकिल और अन्य सामग्री जब्त की गई है। इस गिरोह से जुड़ा एक अन्य आरोपी पहले से ही नीमच केंट थाना पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है।
नीमच में एमडी ड्रग तस्करी का खतरनाक तरीका
नीमच में एमडी ड्रग तस्करी का यह तरीका बेहद चौंकाने वाला है। आरोपी रजनीगंधा जैसे आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले तंबाकू पाउच में एमडी ड्रग मिलाकर इसे युवाओं तक पहुंचा रहे थे। बाहर से देखने पर यह सामान्य पाउच लगता था, जिससे किसी को शक नहीं होता। पुलिस के अनुसार, इस तरीके का इस्तेमाल इसलिए किया जा रहा था ताकि आसानी से नशा बेचा जा सके और पकड़े जाने का खतरा कम रहे। लेकिन समय रहते पुलिस को मिली सूचना ने इस खतरनाक खेल को उजागर कर दिया।
कॉलेज के पास बेच रहे थे एमडी ड्रग
नीमच सिटी थाना प्रभारी पुष्पा सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस को लगातार शिकायतें और गुप्त सूचनाएं मिल रही थीं। जानकारी के मुताबिक, मनासा रोड स्थित पीजी कॉलेज, मनासा नाका और आसपास के इलाकों में कुछ युवक युवाओं को नशे की लत में धकेल रहे थे। सूचना के आधार पर पुलिस ने योजना बनाकर कार्रवाई की। कॉलेज के पास तलाई क्षेत्र में घेराबंदी कर इंदिरा नगर, नीमच निवासी सचिन पुत्र दिनेशदास बैरागी को पकड़ा गया। तलाशी के दौरान उसके पास से 36 ग्राम एमडी ड्रग और रजनीगंधा के 10 पाउच बरामद हुए।
पूछताछ में सामने आया संगठित गिरोह
सचिन बैरागी से पूछताछ के बाद पुलिस को बड़ी जानकारी मिली। उसकी निशानदेही पर ग्वालटोली निवासी यश उर्फ राकी पुत्र अनिल शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से नशा तस्करी में इस्तेमाल की जा रही मोटर साइकिल भी जब्त की। आगे की जांच में यह साफ हुआ कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि एक संगठित गिरोह लंबे समय से नीमच में एमडी ड्रग का अवैध कारोबार चला रहा था। इस गिरोह में नीमच निवासी सलमान उर्फ छोटू पुत्र शाबिर खान भी शामिल था, जो पहले से ही नीमच केंट थाना पुलिस की हिरासत में है।
लंबे समय से चल रहा था अवैध नशे का कारोबार
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी लंबे समय से इस अवैध धंधे में सक्रिय थे। वे अलग-अलग इलाकों में युवाओं को टारगेट करते थे, खासकर कॉलेज और शिक्षण संस्थानों के आसपास। एमडी ड्रग जैसे खतरनाक नशे का सेवन युवाओं की सेहत और भविष्य दोनों के लिए बेहद नुकसानदायक है। पुलिस का कहना है कि आरोपी कम उम्र के युवाओं को जल्दी लत लगने का लालच देकर इस कारोबार को आगे बढ़ा रहे थे।
एमडी ड्रग क्या है और क्यों है खतरनाक
एमडी ड्रग, जिसे आम भाषा में एमडीएमए भी कहा जाता है, एक सिंथेटिक ड्रग है। इसका असर सीधे दिमाग पर पड़ता है। इसे लेने से कुछ समय के लिए इंसान को खुशी और ऊर्जा महसूस होती है, लेकिन बाद में यह गंभीर मानसिक और शारीरिक समस्याएं पैदा करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एमडी ड्रग का लगातार सेवन करने से डिप्रेशन, याददाश्त कमजोर होना, दिल की बीमारी और यहां तक कि जान का खतरा भी हो सकता है। इसी वजह से सरकार और पुलिस इसे लेकर बेहद सख्त है।
पुलिस रिमांड पर आरोपी
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि एमडी ड्रग कहां से लाई जा रही थी और इसे किन-किन इलाकों में सप्लाई किया जा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस कॉल डिटेल, मोबाइल डेटा और अन्य तकनीकी सबूतों के जरिए पूरे गिरोह की कड़ियां जोड़ने की कोशिश कर रही है।
नीमच में नशे के खिलाफ पुलिस की सख्ती
पिछले कुछ समय से नीमच जिले में नशे के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि युवा नशे से दूर रहें। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे समाज को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इस तरह के मामलों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।





