नीमच जिले में लंबे समय से यात्री बसों में यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रखकर की जा रही कृषि जिंसों (Agricultural Goods) की ओवरलोडिंग पर सोमवार को यातायात पुलिस ने सख्त रुख अपनाया। नियमों को ठेंगा दिखाकर दौड़ रही एक निजी ट्रेवल्स की बस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। यातायात थाना प्रभारी ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर किसी भी तरह के बहाने या तर्क स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
नीमच और आसपास के लंबे रूट पर चलने वाली यात्री बसों में खुलेआम अनाज और अन्य कृषि उपज का परिवहन किया जा रहा है। बस की छतों के साथ-साथ भीतर भी भारी मात्रा में बोरे लादे जा रहे हैं, जिससे बस का संतुलन बिगड़ने और दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। सोमवार को यातायात विभाग को सूचना मिली कि एक बस में अवैध रूप से भारी मात्रा में माल लोड किया गया है।
मौके पर कार्रवाई: ‘सरकार उपकार’ बस पर गिजी गाज
सूचना मिलते ही यातायात थाना प्रभारी सोनू बड़गूजर ने तत्काल एक टीम को मौके पर भेजा। जांच के दौरान ‘सरकार उपकार’ बस क्रमांक MP 44 ZE 0621 को रोका गया। बस के निरीक्षण में पाया गया कि उसमें भारी मात्रा में कृषि जिंस लोड थी, जो ओवरलोडिंग की श्रेणी में आता है। यातायात पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बस के दस्तावेज जब्त कर लिए और वैधानिक प्रक्रिया शुरू कर दी।
बस मालिक के तर्क: ‘हम्माली बचाने के लिए लोड किया था माल’
पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए बस मालिक ने अजीबोगरीब तर्क दिए। मालिक का कहना था, “यह बस स्पेयर में रहती है और शादी-समारोह में चलती है। हम्माली का खर्च बचाने के लिए अस्थायी रूप से माल बस पर चढ़ाया गया था, जिसे रात में कंटेनर में शिफ्ट किया जाना था।” हालांकि, स्थानीय लोगों और पुलिस का कहना है कि भरी हुई बस को स्पेयर या शादी की बस बताना केवल कार्रवाई से बचने का एक पैंतरा है। आए दिन बस संचालक इसी तरह के बहानों की आड़ में नियमों का उल्लंघन करते हैं।
पुलिस बोली, पैनी नजर रहेगी, नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं
यातायात थाना प्रभारी सोनू बड़गूजर ने कहा कि बस मालिक चाहे कितने भी तर्क क्यों न दे, नियमों का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ओवरलोडिंग सीधे तौर पर यात्रियों की जान से खिलवाड़ है। बस के दस्तावेज जप्त किए गए हैं और वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। आगे भी ऐसे मामलों पर हमारी पैनी नजर रहेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट





