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Sat, Dec 20, 2025

कांग्रेस में विद्रोह के सुर: नियुक्तियों पर भड़का आक्रोश, अल्प संख्यक बोले- ‘मुसलमान सिर्फ दरी बिछाने के लिए नहीं’, समंदर पटेल निशाने पर

Reported by:Kamlesh Sarda|Edited by:Atul Saxena
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वरिष्ठ नेता भोला भाई पठान ने कहा कि मुसलमानों को अब कोई पद नहीं चाहिए। बहुत नुकसान उठा लिया मुसलमानों ने कांग्रेस का झंडा उठा-उठाकर। अब सिर्फ झंडा ढोने की हमारी मजबूरी नहीं है।
कांग्रेस में विद्रोह के सुर: नियुक्तियों पर भड़का आक्रोश, अल्प संख्यक बोले- ‘मुसलमान सिर्फ दरी बिछाने के लिए नहीं’, समंदर पटेल निशाने पर

Neemuch District Congress Office

नीमच जिले की जावद विधानसभा में कांग्रेस के भीतर उस समय बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया, जब संगठन की नियुक्तियों को लेकर अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। कांग्रेस नेता समंदर पटेल द्वारा रतनगढ़ और सिंगोली ब्लॉक में की गई ‘मनमाफिक’ नियुक्तियों के बाद अब मुस्लिम समाज के नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए संवादों ने कांग्रेस के भीतर मचे इस घमासान को सार्वजनिक कर दिया है।

इस विवाद में क्षेत्र के कद्दावर मुस्लिम चेहरों ने सीधे तौर पर पार्टी की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया है, डीकेन एक वरिष्ठ नेता भोला भाई पठान ने कहा कि मुसलमानों को अब कोई पद नहीं चाहिए। बहुत नुकसान उठा लिया मुसलमानों ने कांग्रेस का झंडा उठा-उठाकर। अब सिर्फ झंडा ढोने की हमारी मजबूरी नहीं है। जावद के पूर्व पार्षद सरफराज  ने कहा संगठन में मुस्लिम कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। हमें वह स्थान और सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसके हम हकदार हैं। सिंगोली के कार्यकर्ता ख्वाजा हुसैन बोले कांग्रेस ने मुसलमानों को केवल संख्या बल बढ़ाने और दरी बिछाने के लिए रख रखा है। इससे ज्यादा पार्टी में मुस्लिम समुदाय की कोई अहमियत नहीं है।

विवाद की जड़, समंदर पटेल की कार्यशैली 

विवाद का मुख्य कारण कांग्रेस नेता समंदर पटेल द्वारा रतनगढ़ और सिंगोली ब्लॉक में की गई नियुक्तियां बताई जा रही हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि समंदर पटेल ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर अपने चहेतों को पदों पर बिठाया है। जब यह मामला जिला नेतृत्व तक पहुँचा, तो जिला अध्यक्ष तरुण बाहेती ने बचाव में हाजी गुलाम मोहम्मद के जिला अध्यक्ष रहने का हवाला दिया। इस पर कार्यकर्ताओं ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि हाजी साहब वर्ष 2000 के आसपास अध्यक्ष थे। इस बात को 25 साल बीत चुके हैं। कार्यकर्ताओं का सवाल है कि क्या पार्टी अगले 25 साल तक उसी एक पुरानी नियुक्ति के नाम पर अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधे रखना चाहती है?

कांग्रेस के लिए ये विरोध बड़ी चुनौती

जावद विधानसभा में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में भोला भाई पठान, सरफराज और ख्वाजा हुसैन जैसे जमीनी नेताओं की यह नाराजगी आने वाले चुनावों में कांग्रेस के लिए ‘आत्मघाती’ साबित हो सकती है। 25 साल की उपेक्षा का यह आरोप अब पार्टी के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुका है।

शिकायतों पर विचार किया जाएगा: जिला अध्यक्ष 

इस विरोध पर जिला अध्यक्ष तरुण बाहेती का कहना कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा सर्वसमाज को साथ लेकर चलने का काम किया है। संगठन में कार्यकर्ताओं का सम्मान हमारी प्राथमिकता है। जहाँ तक प्रतिनिधित्व की बात है, तो कांग्रेस ने हमेशा अल्पसंख्यकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि हमने हाजी गुलाम मोहम्मद जैसे कद्दावर नेता को जिला अध्यक्ष जैसे गरिमामय पद पर आसीन किया था। हम सभी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हैं और उनकी शिकायतों पर विचार किया जाएगा।

कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट