राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से 10 बच्चों की मौत की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी स्कूल भवनों का जल्द से जल्द सुरक्षा ऑडिट किया जाए।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जर्जर और असुरक्षित स्कूलों में बच्चों को किसी भी हाल में नहीं बैठाया जाए। अगर स्कूल की बिल्डिंग मरम्मत योग्य है तो तुरंत ठीक किया जाए और अगर नया भवन बनाना जरूरी है तो उसकी योजना तैयार कर जल्द काम शुरू किया जाए।
पुलों की भी होगी जांच, कोई हादसा न हो
सिर्फ स्कूल ही नहीं, मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश के सभी पुलों की भी सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन पुलों की हालत खराब है, उनकी मरम्मत या नए पुलों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी इलाके में जर्जर पुलों के कारण जान-माल का नुकसान न हो। पुलों की स्थिति पर समय-समय पर निगरानी भी रखी जाएगी ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके।
वेडिंग डेस्टिनेशन बनेंगे रोजगार का जरिया
मुख्यमंत्री ने त्रियुगीनारायण और अन्य पर्यटन स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना पर भी तेजी से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य के पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। धामी ने अधिकारियों से कहा कि इन स्थलों के विकास में अच्छी सुविधा, गुणवत्ता और राज्य की सांस्कृतिक गरिमा का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का अध्ययन कर उत्तराखंड की अपनी नीति तैयार की जाएगी।
स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन से बढ़ेगा धार्मिक पर्यटन
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में दो “स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन” (Spiritual Economic Zones) बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जाए। इस योजना से धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार और राज्य को आर्थिक लाभ होगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग आपस में मिलकर ठोस कार्य योजना तैयार करें और जमीन पर काम शुरू करें।





